Jabalpur. प्रदेश से राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता विवेक कृष्ण तन्खा ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर धार जिले में हुई कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने की घटना और ई-टेंडरिंग घोटाले के कारणों की संयुक्त जांच सीबीआई या ईडी से करवाने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में जिक्र किया गया है कि जिस ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच को राज्य का ईओडब्ल्यू अंतिम सत्य तक नहीं पहुंचा पाया। उसी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत कारम डैम का निर्माण ब्लैकलिस्टेड कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन से कराया गया था। तन्खा ने चिट्ठी में यह जिक्र भी किया है कि एएनएस कंस्ट्रक्शन ने भी खुद बांध का निर्माण नहीं किया बल्कि पेटी कॉन्ट्रेक्ट ग्वालियर की एक और ब्लैक लिस्टेड कंपनी सारथी कंस्ट्रक्शन को दिया था। उन्होंने याद दिलाया कि प्रदेश के जल संसाधन मंत्री ने भी विधानसभा में यह स्वीकार किया था कि कारम डैम प्रोजेक्ट के टेंडर में गड़बड़ी हुई है।
बांध निर्माण में बंदरबांट के लगाए आरोप
सीएम को लिखे गए पत्र में तन्खा ने कहा है कि एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी द्वारा किए गए कार्य में गुणवत्ता के साथ कितना समझौता किया गया होगा, यह बांध की हालत ही बयां करती है। उन्होंने सीएम ऑफिस के कुछ अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए दिए हैं।
ई-टेंडर घोटाले पर हुई ईओडब्ल्यू जांच पर भी सवालिया निशान
विवेक तन्खा ने राज्य ईओडब्ल्यू द्वारा की गई ई-टेंडर घोटाले की जांच पर भी सवालिया निशान लगाए। उन्होंने पत्र के जरिए यह कहा है कि जांच को जिस गति से आगे बढ़ना चाहिए था, वह नहीं हो सका, शायद इसलिए क्योंकि प्रदेश के कुछ ताकतवर ब्यूरोक्रेट्स इसका सत्य सामने नहीं लाना चाहते थे। उन्होंने सीईआरटी कंपनी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट का भी उल्लेख किया है। बकौल तन्खा इस कंपनी ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, उसमें कई तथ्य थे जो नौकरशाहों की मुसीबत बढ़ा सकते थे।
सीबीआई या ईडी से जांच कराने की मांग
विवेक तन्खा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से जनता के दो सवाल उठाए हैं कि ई-टेंडरिंग घोटाले में शामिल आला अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद भी उनके खिलाफ नामजद एफआईआर और कार्रवाई क्यों नहीं की गई और राज्य के ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच को अंतिम सत्य तक क्यों नहीं पहुंचाया। इन दो सवालों के जरिए तन्खा ने राज्य सरकार के पाले में सीबीआई या ईडी से जांच की गेंद डाल दी है। कारम बांध के फूटने के बाद मामला बेहद गंभीर हो गया है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में सरकार की क्या प्रतिक्रिया आती है।