Jabalpur. जबलपुर में निजी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद नींद से जागे प्रशासनिक अमले ने ताबड़तोड़ निरीक्षण की शुरूआत कर दी है। मंगलवार को घटनास्थल पर संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। संभागायुक्त ने बताया कि घटना के बाद बिल्डिंग का तापमान काफी ज्यादा था जिस कारण निरीक्षण नहीं हो पाया था। मौके का निरीक्षण करने के बाद संभागायुक्त ने माना कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों का लापरवाही पूर्वक उल्लंघन किया गया था।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई पर चुप्पी
घटना में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के सवाल पर संभागायुक्त ने प्रॉपर जांच की बात कहकर सवाल को टाल दिया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई के संकेत संभागायुक्त ने जरूर दिए हैं।
जिले के सभी 132 अस्पतालों की होगी जांच
भीषण अग्निकांड के बाद क्रियाशील हुए प्रशासन ने अब हर एक अस्पताल की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया है। प्रभारी क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि इस भीषण अग्निकांड के बाद दो दो डॉक्टरों की ढेर सारी टीमों का गठन हुआ है जो जिले के सभी 132 अस्पतालों में जाकर तमाम सुरक्षा मानकों की जांच करेंगी। हालांकि इस जांच के पूरे होने में ही काफी समय लगेगा और जांच रिपोर्ट आने में तो लंबी मियाद लग सकती है।
सांसद भी पहुंचे मौके पर
मंगलवार को सांसद राकेश सिंह, बीजेपी विधायकों और पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री शरद जैन के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान सांसद ने कहा कि कोरोना काल के दौरान नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल खोले गए, जो कि समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे अस्पतालों का कड़ाई से निरीक्षण किया जाए और एक-एक सुरक्षा मानक की व्यवस्था अस्पताल में कराई जाएगी, वरना ऐसे अस्पतालों को लायसेंस निरस्त किया जाएगा। दूसरी तरफ सांसद राकेश सिंह ने भी घटना के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के सवाल को जांच के इंतजार का जवाब देकर टालमटोल कर दी।
बता दें कि जबलपुर के न्यू लाइफ मेडिसिटी स्पेशियलटी अस्पताल में सोमवार को लगी भीषण आग में 8 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें 3 मृतक अस्पताल स्टाफ और बाकी 5 मृतक मरीज और उनके परिजन थे। वहीं हादसे में गंभीर रूप से झुलसे कई लोग इलाजरत हैं। प्रारंभिक जांच में अस्पताल के जनरेटर से आग भड़कने की बात सामने आई है। यह भी कहा जा रहा है कि यदि अस्पताल में फायरसेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम होते तो आग को तत्काल रोका जा सकता था। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर संचालित निजी अस्पताल में ऐसे कोई इंतजामात नदारद थे।