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Jabalpur. जबलपुर के सिविल लाइन थाने में बर्खास्त एडीजे के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि आरोपी ने नौकरी पाने के लिए डेट ऑफ बर्थ में हेरफेर किया था। इसका खुलासा हाईकोर्ट की शिकायत शाखा की जांच में हुआ है।
पुलिस ने बताया कि गोविंद नगर, दतिया के रहने वाले राधेश्याम मढ़िया 11 मार्च 2003 को एडीजे के पद पर नियुक्त हुए थे। कटनी जिले में पदस्थापना के दौरान उन्हें 2 मई 2022 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इस दौरान हाईकोर्ट की शिकायत शाखा को उनकी जन्मतिथि में गड़बड़ी की शिकायत की गई। मामले की जांच में पता चला कि राधेश्याम मढ़िया की जन्मतिथि 10 फरवरी 1960 की है। उन्होंने नौकरी पाने के लिए सन बदलकर 1966 कर दिया था। जांच में आरोपों के पुष्टि होने के बाद हाईकोर्ट के प्रशासनिक अधिकारी विपिन चंद्र गुप्ता ने पुलिस को इस फर्जीवाड़े के दस्तावेज और जांच प्रतिवेदन दिया। इसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
एससी-एसटी कोर्ट ने एसपी से लेकर टीआई के खिलाफ डीजीपी से रिपोर्ट की तलब
विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सुनील जैन की अदालत ने जबलपुर के एसपी, एसपी अजाक, सीएसपी और केंट थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत के मामले में राज्य के डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट पेश करने के लिए 20 अक्टूबर तक की मोहलत दी गई है। बता दें कि साल 2020 में केंट बोर्ड के स्वास्थ्य निरीक्षक अभय सिंह परिहार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और फर्जी भर्ती जैसे आरोप लगाए थे। जिस पर केंट पुलिस ने मामले में मनमाने तरीके से खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी।
पुलिस के इस रवैए के खिलाफ न्यायालय में चुनौती देने पर न्यायालय ने खात्मा रिपोर्ट को अनुचित पाकर निरस्त कर दिया और एसपी, एसपी अजाक, सीएसपी और टीआई केंट को मामले में आगे की कार्रवाई को गति देने अभ्यावेदन दिया गया। अदालत ने पुलिस को 60 दिन में चालान प्रस्तुत करने पर बल दिया था। लेकिन ऐसा नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए डीजीपी से रिपोर्ट तलब कर ली है।