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BHOPAL. अफ्रीका का नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीते भारत आ रहे हैं। ये चीते मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो पालपुर नेशनल पार्क में रहेंगे। इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बाड़े में छोड़ेंगे। इन 8 चीतों में साढ़े 5 साल के दो नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की एक मादा, 4 साल की एक मादा, दो साल की एक मादा और 5 साल की दो मादा चीता भी शामिल हैं। यह तमाम चीते नामीबिया के अलग-अलग इलाकों से लाए जा रहे हैं।
चीतों के आने से पहले भोजन की व्यवस्था
नाबीमिया से भारत लाए जा रहे चीतों की भूख मिटाने के लिए श्योपुर जिला स्थित कूनो नेशनल पार्क में 181 चीतल छोड़े गए हैं। ये चीतल मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभयारण्य से लाए गए हैं। चिड़ीखो अभयारण्य में चीतल और हिरणों की तादाद बहुत ज्यादा है। चीतल को चीते का पसंदीदा शिकार बताया जाता है। चीते अब इन्हीं चीतलों का शिकार करते हुए हृष्ट-पुष्ट रहकर अपनी तादाद बढ़ा सकेंगे। कूनो के बाद अगला पड़ाव गांधीसागर के पास तैयार किया जा रहा है। यहां पर भी तैयारी की जा चुकी है। इसमें नरसिंहगढ़ से 500 चीतल भेजे गए थे। अभी 245 चीतल तीन चरणों में भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा देवास जिले में भी 9 चीतल भेजे जा चुके हैं।
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चीता क्यों है खास
चीते की स्पीड दुनिया में सबसे ज्यादा मानी जाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीता 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। टॉप स्पीड पर चीता 23 फीट यानी करीब 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। चीता हर एक सेकंड में ऐसी 4 छलांग लगाते हुए दौड़ता है। चीते की मैक्सिमम स्पीड 98 किमी/घंटा आंकी गई थी। यह स्पीड ओहियो के सिनसिनाटी जू में 2012 में फीमेल चीता सारा ने हासिल की थी। 2016 में 15 साल की उम्र में सारा मौत हो गई थी। ओलंपिक चैंपियन यूसेन बोल्ट का 9.58 सेकंड में 100 मीटर दौड़ने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जबकि सारा ने 100 मीटर की दूरी महज 5.95 सेकंड में पार कर ली थी।
भारत में चीता
भारत में अंतिम चीते की मौत 1948 में हुई थी। तब अविभाजित मध्य प्रदेश के कोरिया (अब छत्तीसगढ़) में महाराजा ने अंतिम चीते का शिकार किया था। 1952 में भारत सरकार ने घोषणा की कि देश में चीता नहीं है। दुनिया में इस वक्त करीब 7 हजार चीते हैं, 4500 चीते अकेले साउथ अफ्रीका में हैं।
चीतों की जानकारी, 4 पॉइंट्स में
- नामीबिया से चीते बोइंग 747 जंबो जेट से आएंगे। इस एयरक्राफ्ट को इसलिए चुना गया, ताकि री-फ्यूलिंग के लिए रुकना ना पड़े और चीते सीधे भारत आएं। ये एयरक्राफ्ट बिना रुके दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक जा सकता है। एयरक्राफ्ट 16 सितंबर को नामीबिया से उड़ान भरेगा। 17 सितंबर की सुबह करीब 7.30 बजे कूनो पालपुर पहुंचेंगे।
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- चीतों के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के स्पेशल क्रेट्स रहेंगे। ये लकड़ी के बने होंगे। फ्लाइट में 8 चीतों के साथ क्रू, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, डॉक्टर्स, साइंटिस्ट, नामीबिया में भारत के हाई कमिश्नर मौजूद रहेंगे। इनके अलावा चीता एक्सपर्ट लॉरी मार्कर अपने 3 बायोलॉजिस्ट के साथ मौजूद रहेंगे।
जिन चीतों को लाया जाना है, उनकी पहली झलक सामने आई
#WATCH | First look of Cheetahs that will be brought from Namibia to India on 17th September at KUNO National Park, in Madhya Pradesh pic.twitter.com/HOjexYWtE6
— ANI (@ANI) September 16, 2022
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