Jabalpur. शहर के बीच में लोगों को नैसर्गिक सुंदरता और प्रकृति का नजारा दिखाने के लिए तैयार किया जा रहा नगर वन अब तक तैयार नहीं हो पाया है। वन विभाग की ढिलाई के चलते सैलानी इसका दीदार नहीं कर पा रहे। स्कूलों में दशहरे की छुट्टियां खत्म हो चली हैं। ऐसे में बच्चों को यहां घूमने की इच्छा मन में ही दबाकर रखनी पड़ी। दरअसल इस नगर वन को 4 महीना पहले ही बन कर तैयार हो जाना था। जानकारों की मानें तो ठाकुरताल, बरगी हिल्स और मदन महल की पहाड़ियों से लगे करीब 10 किलोमीटर के एरिए को वन विभाग ने नेशनल पार्क और टाइगर सफारी के अंदाज में विकसित किया है। इसके चारों ओर बड़ी संख्या में वृक्ष, विभिन्न प्रजातियों के पौधे और प्राकृतिक जलस्त्रोत भी मौजूद हैं।
यहां करीब 7 किमी के हिस्से में मिट्टी के कच्चे रास्तों के साथ ही पॉथवे का निर्माण किया गया है। उद्यान में बड़ी तादाद में वन्य प्राणी भी विचरण करते हैं। सैलानियों की आवाजाही से उन्हें दिक्कत न हो इसके लिए करीब 3 किमी के हिस्से में जालियां लगाकर इसे सुरक्षित बनाया गया है। नगर वन के इस निर्माण का काम ग्रीन इंडिया मिशन के तहत वन मंडल को कराना है। बताया जाता है कि इसे विकसित करने के लिए करीब 2 करोड़ रुपए भी खर्च किए गए हैं। पिछले करीब 3 साल से इस पर काम चल रहा है। इसको तैयार करने का मुख्य उद्देश्य वायु तंत्र बेहतर बनाना है।
ये काम पड़े हैं पेंडिंग
वॉच टॉवर का निर्माण: सिटी फॉरेस्ट में करीब 35 फिट ऊंचा वॉच टॉवर बनाया जाना है, जिससे पूरे इलाके की निगरानी हो सके।
पे एंड यूज सिस्टम भी नहीं तैयारः सैलानियों के लिए पे एंड यूज सिस्टम का इंतजाम किया जाना था। जिसका अब तक काम नहीं हो सका है।
अमले की व्यवस्थाः सिटी फॉरेस्ट की निगरानी, सुरक्षा व्यवस्था के लिए वन विभाग के अमले और श्रमिकों की व्यवस्था नहीं हो पाई है।
काउंटर का निर्माणः सैलानियों के भ्रमण के लिए टिकट व्यवस्था, काउंटर, टाइमिंग आदि पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
वन विभाग के डिप्टी रेंजर अब्दुल फरीद खान ने बताया कि सिटी फॉरेस्ट का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। कुछ काम बाकी है जिसे पूरा होने में टाइम लग रहा है। उम्मीद है जल्द इसे शुरू कराया जाएगा।