Gwalior:निकाय चुनाव में पति के काम पर पत्नियों की टिकट के लिए दावेदारी

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Dev Shrimali
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Gwalior:निकाय चुनाव में पति के काम पर पत्नियों की टिकट के लिए दावेदारी

Gwalior.  नगर निगम चुनावों के लिए भले ही  अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है लेकिन इसके लिए टिकिट पाने की मारामारी ज़ोर शोर से हो रही है। पार्टी में टिकिटों को लेकर सर फुटौब्बल भी हो रहा है । लेकिन असली लड़ाई महिला सीटों के लिए हो रही है, क्योंकि पचास फीसदी सीटों पर महिलाओं को ही उतारना है सो ज्यादातर बड़े नेता इस बार टिकिट की दौड़ से बाहर है और वे अपनी पत्नियों के लिए टिकिट मांग रहे हैं ऐसे में पार्टियों में काम करने वाली महिला नेत्रियां अपनी टाल ठोककर उनकी नींद हराम कर रहीं हैं।



कांग्रेस में कल रायशुमारी करने आये पूर्व मंत्री मुकेश नायक के सामने ही कांग्रेस के विधायक डॉ सतीश सिकरवार और जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के बीच जमकर मुंहवाद हुआ। दोनों अपनी पत्नियों के लिए मेयर का टिकिट चाहते है। ऐसे में पार्टी की वरिष्ठ महिला नेत्री श्रीमती रश्मि शर्मा पवार ने अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी।  उनके नाम का प्रस्ताव महिला कांग्रेस की नव नियुक्त जिला अध्यक्ष मीनू परिहार ने सार्वजनिक रूप से रखा और सबने हाथ उठाकर समर्थन क्या तो प्रेक्षक नायक मुस्कराते रहे।



भाजपा में अलग तरह की समस्याएं आ रहीं है। बीते पचास सालों से नगर निगम पर जनसंघ और फिर भाजपा का कब्जा चला आ रहा है। भाजपा का पहले से ही ग्वालियर मजबूत गढ़ रहा है और हर वार्ड में उसके पास मजबूत और जीतने वाले उम्मीदवार हैं ऐसे में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने साथ बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता लाये हैं।  इनमे से अनेक तो ऐसे हैं जिनसे लम्बे आरसे से भाजपा कार्यकर्ता सामने की लड़ाई लड़ते रहे हैं।  अब उनकी भी टिकिट की दावेदारी है और सिंधिया पर उनके हित संरक्षण की जिम्मेदारी है। ऐसे में उनको संतोष करने के लिए सिंधिया भी अपने तेवर दिखा रहे हैं। उन्होंने विगत दिनों भाजपा के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी को दिल्ली तलब कर लिया हालाँकि माखीजानी का दावा है कि सिंधिया ने मजबूत और जीतने वाले ऐसे उम्मीदवारों को की बात कही जिनके पास कांग्रेस न ठहर पाए लेकिन भाजपा और सिंधिया दोनों के समर्थक मानते हैं की असल बात अपनों को टिकिट दिलाने के लिए दबाव बनाना है।



टिकट किसी के लिए, बायोडेटा किसी और का



इस बीच और भी मजेदार नज़ारे देखने के लिए मिल रहे हैं। इस काम में जुटे एक नेता ने बताया कि ज्यादातर नेता अपनी पत्नी के लिए टिकिट मांगने आ रहे हैं, हाथ में बायोडेटा लिए हुए हैं। उनकी भी मजबूरी है, क्योंकि ज्यादातर की पत्नियां गृहणी है और उनके नाम से लिखने को कुछ नहीं है। यह नजारा कांग्रेस और बीजेपी दोनों तरफ देखने को मिल रहा है।



भाजपा में मिले इतने बायोडेटा



बीेजेपी के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी नियमित दो घण्टे बीजेपी दफ्तर मुखर्जी भवन पर बैठकर कार्यकर्ता और दावेदारों से मिल रहे हैं, उनके बायोडेटा दे रहे हैं। उनके मुताबिक अभी तक उनके पास 200 से ज्यादा बायोडेटा आए हैं, इनमे मेयर पद के लिए महिला नेत्री श्रीमती शकुंतला सिंह परिहार और और गौरी रिंकू परिहार का मिला है, जबकि एक अन्य नेता रामेश्वर भदौरिया ने जिला अध्यक्ष को बायोडाटा देने की जगह दिल्ली की दौड़ लगा दी और उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने अपनी दावेदारी पेश की। माखीजानी कहते हैं कि आने वाले बायोडाटा का जल्द ही परीक्षण करके उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।



कांग्रेस नेताओं के घर भीड़



हालांकि कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह वार्डों में कार्यकर्ताओं से बात करके प्रत्याशियों का चयन करेगी, लेकिन कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर टिकटार्थियों की भीड़ लगी है। सबसे ज्यादा जमघट प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक सिंह के गांधी रोड स्थित आवास के बाहर लग रहा है।  लोग अपने-अपने बायोडेटा लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। ऐसी ही भीड़ डीसीसी प्रेसिडेंट डॉ. देवेंद्र शर्मा के घर भी लग रही है। अशोक सिंह की पत्नी श्रीमती राजेश रानी सिंह का नाम भी मेयर के दावेदारों के रूप में मीडिया में उछला, लेकिन खुद अशोक ने द सूत्र से कहा कि इस बात में कतई सच्चाई नहीं है। उनकी पत्नी मेयर या किसी पद की उम्मीदवार नहीं बनेंगी, क्योंकि वे दावेदार ही नहीं है। पार्टी किसी निष्ठावान और ऐसे नेता या नेत्री को टिकट देगी जो जीत सके और इस बार पचास साल बाद नगर निगम ग्वालियर में जीत का इतिहास रचना चाहती है और हर कार्यकर्ता बस इसी लक्ष्य के साथ काम में जुटा है।


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