भोपाल. मध्यप्रदेश का मंत्रालय खुद ही अपने आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। डेढ़ साल से डीपीसी नहीं होने के कारण राज्य मंत्रालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान नहीं मिल पा रहा है। कई कर्मचारी जबकि रिटायर होने की कगार पर पहुंच गए हैं। जिस वजह से मंत्रालय के गरीब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को डेढ़ साल से समयमान वेतनमान का इंतजार है। मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को 10, 20 और 30 साल के बाद प्रथम, द्वितीय और तृतीय समयमान वेतनमान दिए जा रहे है। लेकिन मंत्रालय के ही कर्मचारी समयमान वेतनमान से 85 कर्मचारी वंचित है।
बैठक कर जताया विरोध
सामान विभाग के अधिकारियों के रवैये से असंतुष्ट चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों ने ध्यान आकर्षण करने के लिए मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग के 1 नंबर गेट पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने एकत्रित होकर बैठक कर उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। राज्य मंत्रालय कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पटेल की अगुवाई में इसको लेकर कर्मचारियों ने लंच टाइम में प्रदर्शन किया। महंगाई की मार खा रहे कर्मचारियों की सिर्फ एक ही मांग है कि डेढ़ साल से रुका समयमान वेतनमान दिया जाए। और कई कर्मचारी बिना समयमान वेतनमान के रिटायर हो गए और जून 2022 तक दो दर्जन कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे, ऐसे में तत्काल डीपीसी करके वेमनमान संशोधन किया जाए।
डेढ़ साल से डीपीसी नहीं होने से अटका मामला
मंत्रालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने के लिए होने वाली डीपीसी की मिटिंग पिछले डेढ़ साल से लगातार टाली जा रही है। और बढ़ती महंगाई के बीच मंत्रालयीन कर्मचारियों का घर चलाना दिन-व-दिन मुश्किल होता जा रहा है। इसे लेकर मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने सामान प्रशासन विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके है और इस पर चर्चा भी हो चुकी लेकिन फिर भी सामान प्रशासन विभाग के अधिकारी असंवेदनशील रवैया अपनाए हुए है।