योगेश राठौर, INDORE. राजबाड़ा का नजारा, 21 अगस्त को महापौर पुष्यमित्र भार्गव, मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक आकाश विजयवर्गीय हाथों में झाड़ू लेकर खडे़ हैं। फिर निगम के अधिकारी भी झाड़ू थाम लेते हैं और शुरू होता है, जगह-जगह सफाई करने का अभियान। सफाई इतने मन से की कि किसी ने सुलभ शौचालय के पास जाकर भी सफाई करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। दरअसल, शनिवार (20 अगस्त) को वाल्मिकि समाज के इष्टदेव गोगादेव का चल समारोह था। साल में एक दिन होता है, जब इंदौर के सफाई कर्मचारी छुट्टी लेते हैं। नगर निगम के साढे़ सात हजार सफाई कर्मचारियों के सम्मान में जनप्रतिनिधि और अधिकारी झाड़ू लेकर सफाई करने मैदान में उतर जाते हैं।
हर साल चलता है यह अभियान, इसलिए नंबर वन
इंदौर में ये पंरपरा सालों से रही है, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ भी यह करती रही हैं। बाद में जब निगम प्रशासक रहे तो उन्होंने भी इस परंपरा को जारी रखा। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, कलेक्टर भी इस परंपरा का पालन करते हैं। आज भी अधिकारी इस काम में बढ़ चढ़कर शामिल होते हैं। बीते साल तो कोरोना के समय कलेक्टर मनीष सिंह ने वह लिटरबिन साफ किया, जिसमें कोविड सामग्री मास्क, आदि डले हुए थे।
इसलिए हम पांच बार से अव्वल
यही वजह है कि इंदौर देश में सफाई के मामले में नंबर वन है। जब से स्वच्छ भारत अभियान आया है, ये तमगा केंद्र सरकार ने उसे एक-दो बार नहीं बल्कि पांच बार दिया है। अब इंदौर छक्का मारने की तैयारी कर रहा है।