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Gwalior : कांग्रेस भले ही ग्वालियर नगर निगम में बीते पचास सालों से काबिज नहीं हो पाई है लेकिन इस बार कोंग्रेसियों में कुछ ख़ास ही उत्साह नज़र आ रहा है। कांग्रेस का प्रयास है कि इस बार प्रत्याशियों का चयन स्थानीय स्तर पर ही आम सहमति से हो। यहाँ आम सहमति बनाने के लिए पहुंचे प्रदेश से नियुक्त प्रभारी पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में जब बंद कमरे में नेताओं से बातचीत शुरू की तो जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैठक छोड़कर चले गए। कहते है वे शोभा सिकरवार का नाम फाइनल होने से नाराज है जबकि वे अपनी पत्नी के लिए टिकिट चाहते हैं।
ग्वालियर नगर निगम में एक मेयर और 66 वार्ड के लिए प्रत्याशियों के नाम का चयन होना है। इसके लिए आये प्रभारी नायक ने कहा कि पार्टी की गाइडलाइन है कि वार्डों में ही सर्वे के बाद पार्टी के उम्मीदवारों के नाम स्थानीय स्तर पर तय किये जाएँ। इसके लिए वार्डों में सर्वे और बातचीत का काम चल रहा है। 9 जून तक पार्टी प्रत्याशियों के नाम का फैसला कर लेगी। प्रयास ये है कि सभी वार्डों में आम सहमति से सिंगल नाम तय हो जाए। जहाँ ऐसा नहीं हो पाता वहां पैनल बनाकर भेजा जाएगा।
मेयर पद को लेकर घमासान
ग्वालियर में बीते पचास सालों से मेयर का पद कांग्रेस को नसीब नहीं हुआ है बावजूद इसके इस पद के लिए टिकिट हासिल करने के लिए कांग्रेस नेताओं में होड़ है। प्रमुख दावेदारों में श्रीमती रश्मि पवार शर्मा, डॉ शोभा सिकरवार,श्रीमती रीमा शर्मा और डॉ रूचि गुप्ता प्रमुख हैं। मीडिया के जरिये खबरें आ रहीं थीं कि पार्टी हाईकमान इस बार हर हाल में नगर निगम महापौर का पद जीतना चाहती है और उसने जिताऊ उम्मीदवार के रूप में ग्वालियर पूर्व से विधायक डॉ सतीश सिकरवार की पत्नी डॉ श्रीमती शोभा सिकरवार का नाम फाइनल कर दिया है क्योंकि पार्टी द्वारा कराये गए आंतरिक सर्वे में कहा गए कि वे ही टक्कर दे सकतीं है क्योंकि सतीश ही ताकत के साथ यह चुनाव लड़ सकते हैं। स्वयं श्रीमती सिकरवार दो बार पार्षद रहीं है और सिकरवार परिवार का चार वार्डों पर इकतरफा कब्जा है इसके अलावा वे जातिगत समीकरण बिठाने में भी एक्सपर्ट हैं। लेकिन इस सर्वे से कांग्रेस के स्थानीय नेता और दावेदार कोई इत्तिफाक नहीं रखते।
जिला अध्यक्ष बैठक छोड़कर गए
कांग्रेस में घमासान कितना घना है इस बात का अंदाज़ ऐसे ही लगाया जा सकता है कि रायशुमारी करने आज कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मुकेश नायक जब बंद कमरे में नेताओं से बात कर रहे थे तो कहते हैं श्रीमती सिकरवार के नाम फायनल होने की खबरों वाली बात पर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा बिफर गए और नाराज होकर बैठक से उठाकर बाहर चले गए। वे अपनी पत्नी श्रीमती रीमा शर्मा को टिकिट दिलाना चाहते हैं। हालाँकि प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने इस बात को गलत बताया। उन्होंने कहाकि जब अभी मेयर पद के प्रत्याशी को लेकर चर्चा ही नहीं हुई तो बैठक छोड़ने की बात कहाँ से आ गयी। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। सिंह ने "द सूत्र " से कहा कि इस बार कांग्रेस का हर कार्यकर्ता नगर निगम जीतने को आतुर है और पचास साल बाद अपना महापौर बनाना चाहता है इसके लिए सब एकजुट हैं।
विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार ने भी किसी विवाद की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने भी 'द सूत्र' से कहा कि इस बार हर कोंग्रेसी का लक्ष्य है कि अपनी परिषद् और अपना मेयर बनाया जाए ,इसके लिए सब एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे। पत्याशी कोई हो सब पार्टी के लिए काम करेंगे।
कांग्रेस दफ्तर में भारी भीड़
आज सुबह से ही कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ता और दावेदारों की भारी भीड़ जमा है। दफ्तर में पैर रखने को जगह नहीं है और नेताओं को बंद कमरे में बैठक करनी पड़ रही है। इस बीच कई बार धक्कामुक्की और गहमा -गहमी का भी माहौल भी बना।