कांग्रेस के गोविंद सिंह ने पोषण आहार के मामले में सरकार को घेरा, कोरोना काल में 2 अरब से ज्यादा के घोटाले का आरोप

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कांग्रेस के गोविंद सिंह ने पोषण आहार के मामले में सरकार को घेरा, कोरोना काल में 2 अरब से ज्यादा के घोटाले का आरोप

सुनील शर्मा, BHIND. एमपी में इन दिनों पोषण आहार घोटाला प्रमुख मुद्दा बन चुका है। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में पोषण आहार के नाम पर दो अरब रुपए से ज़्यादा का घोटाला हुआ है। इस बीच भिंड जिले में भी करोड़ों का घोटाला होने का दावा मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने किया है। उन्होंने कोविड की पहली लहर के दौरान महिला बाल विकास विभाग के प्रभारी डीपीओ अब्दुल गफ्फार खान और बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से रेडी टू ईट और टेक होम राइस के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है।



शिवराज सरकार पर लगाए गंभीर आरोप



नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रेस वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भिंड जिले में पोषण आहार का बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने बताया कि उनके यहां पोषण आहार आता ही नहीं तो बांटा कहा से जाएगा। महिला बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी कर्यकर्ताओं के लिए मोबाइल खरीदी में भी घोटाले किया है। विधानसभा सत्र (24 फरवरी 2021) में मैंने सवाल पूछा था कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के लहार ब्लॉक में कितना पोषण आहार आंगनवाड़ियों में वितरित किया गया। इसके जवाब खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया गया था कि सिर्फ़ लहार अनुभाग में 5 करोड़ 99 लाख रुपए का रेडी टू ईट भोजन वितरण किया गया। वहीं 7 करोड़ 19 लाख 13 हजार रुपए का टेक होम राइस बांटा गया है।



विधानसभा में उठ चुका है मामला



नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि कोरोना काल के उन चार महीनों में जब देश भर में लॉकडाउन लगा था, सभी अपने घरों में बंद थे, उस दौरान भिंड में डीपीओ अब्दुल गफ्फार ने सिर्फ लहार में 13 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा का पोषण आहार बांट दिया। उन्होंने मीडिया के सामने सरकार से पूछा कि क्या इसके लिए रोबोट लगाए थे। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक अकेले ब्लॉक में 13 करोड़ का घोटाला हुआ तो पूरे जिले में कितना बड़ा घोटाला होगा? वहीं पोषण आहार में लड्डू और सत्तू पर विधानसभा में पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल का भी जिक्र किया। 



गोविंद सिंह के मुताबिक, सज्जन वर्मा ने पूछा था कि लॉकडाउन के शुरुआती चार महीने में प्रदेश में कितना लड्डू और सत्तू बांटा गया, जिसके जवाब में बताया गया कि मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक मुरैना जिले में 20399 क्विंटल लड्डू और सत्तू बांटा गया। इसका व्यय कुल 7 करोड़ 95 लाख रुपए था। जबकि भिंड जिले में सिर्फ 9000 क्विंटल वितरण किया गया, जिसका भुगतान 5 करोड़ 70 लाख रुपए किया गया।



सरकार को घेरेंगे



गोविंद सिंह ने कहा कि दोनों जिलों में भुगतान का अंतर साफ देखा जा सकता है, जो खुद घोटाले की पोल खोल रहा है। ऐसे में पोषण आहार के मामले में पूरे प्रदेश में 2 अरब 8 करोड़ 39 लाख रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ है। डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा की आने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस इस पोषण आहार घोटाले पर सदन में सरकार को घेरेगी। इस मुद्दे को पूरी दम से उठाया जाएगा।


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