कांग्रेस बोली- हिंदी से पढ़े डॉक्टर झोलाछाप, BJP ने मातृभाषा का अपमान बताया

author-image
एडिट
New Update
कांग्रेस बोली- हिंदी से पढ़े डॉक्टर झोलाछाप, BJP ने मातृभाषा का अपमान बताया

भोपाल. मेडिकल (Medical) में हिंदी (Hindi) की पढ़ाई को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस (Congress) ने मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने को लेकर बीजेपी सरकार (BJP Government) पर निशाना साधा है। तो बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर पलटवार किया है। शिवराज सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Choudhary) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। 



बीजेपी ने इसे मातृभाषा का अपमान बताया: हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरु होने से कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई से युवा झोलाछाप डॉक्टर बनेंगे। उनके इन आरोपों पर पलटवार करते हुए विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने कहा कि कांग्रेस हिंदी में पढ़ने वालों को झोलाछाप और अनपढ़ बता रही है। लेकिन हम बताना चाहते हैं के एनएमसी के अनुसार ही पाठ्यक्रम तैयार हो रहा है। इससे मेडिकल की पढ़ाई में हिंदी के छात्रों को मदद मिलेगी। वैज्ञानिक स्टडी भी यह कहती है कि मातृभाषा में अध्यन करने के परिणाम सुगम होते हैं।



हिंदी पाठ्यक्रम का ऑडियो और विजुअल भी होगा: विश्वास सारंग ने कहा कि आज हम हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि देश के बाकी हिस्सों में भी उनकी मातृभाषा में यह आरंभ होगा। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का हम ऑडियो-विजुअल भी तैयार करेंगे। यूट्यूब में भी यह उपलब्ध रहेगा। ताकि सभी छात्रों को आसानी हो सके।



 कोर्स नहीं बदला सिर्फ भाषा बदली: वहीं कांग्रेस के आरोपों पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल का कोर्स नहीं बदला, सिर्फ भाषा बदली है। कांग्रेस का इस तरह की बात करना उचित नहीं है। मेडिकल का अंग्रेजी कोर्स ही ट्रांसलेट किया जा रहा है और इसे भोपाल से शुरू किया जाएगा। वहीं मेडिकल में महापुरुषों की पढ़ाई को लेकर प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मेडिकल कोर्स में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। हिंदी भाषियों के लिए यह पढ़ाई कारगर सिद्ध होगी।



पीसी शर्मा ने साधा था निशाना: मेडिकल कोर्स के हिंदी में पढ़ाए जाने पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने निशाना साधा था, उनका कहना था कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई से युवा झोलाछाप डॉक्टर बनेंगे। जबकि मेडिकल के पाठ्यक्रम में महापुरुषों को शामिल करने की क्या जरूरत है? साइंस रोज बदल रहा है। हिंदी की पढ़ाई से युवाओं को बेरोजगार और झोलाछाप डॉक्टर बनाया जा रहा है।



यह है पूरा मामला: बता दें कि मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में भी शुरू हो रही है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के बाद अकादमी का दायित्व बढ़ गया है। मातृभाषा में पढाई को प्रोत्साहित किए जाने से अकादमी के कार्यों का विस्तार होगा। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों और हिन्दी विश्वविद्यालय के समन्वय से मेडिकल की पुस्तकों को हिन्दी में प्रकाशित किया जाएगा और जल्द ही कॉलेजों में इसकी शुरूआत की जाएगी। 



मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है, जहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग ने बताया कि फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू होगी। बाद में इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। जीएमसी प्रथम वर्ष के छात्रों के तीन विषयों (बायोकेमेस्ट्री, एनाटॉमी, फिसियोलॉजी) को हिंदी में रूपांतरित किया जाएगा।


CONGRESS कांग्रेस बीजेपी सरकार PC Sharma Vishwas Sarang पीसी शर्मा विश्वास सारंग BJP Government प्रभुराम चौधरी health minister Hindi स्वास्थ्य मंत्री Prabhuram Choudhary मेडिकल English अंग्रेजी हिंदी Medical mother tongue मातृभाषा