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Bhopal. बारिश का मौसम आने वाला है और एकबार फिर राजधानी भोपाल के लोगों को सड़कों के उन्हीं गड्ढों का सामना करना पड़ेगा जैसा पिछले साल करना पड़ा था। भले ही सड़कों की वजह से सीपीए बंद कर दिया गया हो, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को फटकार लगाई हो, लेकिन अधिकारी है कि सुधरते नहीं। हालात ये है कि राजधानी की जो प्रमुख सड़कें है वो एक्सीडेंट जोन में तब्दील हो चुकी है।
सीवर और वाटर सप्लाई लाइन ने बिगाड़ी सूरत
शहर की सड़कों के बदहाल होने की सबसे बड़ी वजह सीवर लाइन और वाटर सप्लाई लाइन है। दरअसल इन पाइप लाइनों को बिछाने के लिए जगह-जगह सड़कों को खोद दिया गया। लेकिन पाइप लाइन बिछाने के बाद मरम्मत का काम नहीं किया गया। एमपी नगर से जिंसी जाने वाली सड़क को नगर निगम ने पाइप लाइन के लिए खोद दिया लेकिन बीते 2 महीने से इसकी मरम्मत नहीं कराई गई । जिसके कारण रोज एक्सीडेंट हो रहे है। इसी तरह पुल बोगदा से भारत टॉकीज जाने वाली सड़क तो बीते 2 साल से बदहाल पड़ी है।
एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं, आम आदमी का जीना हुआ मुहाल
शहर के ज्यादातर मुख्य मार्ग पीडब्ल्यूडी और नेशनल हाइवे के पास है। लेकिन पाइप लाइन बिछाने का काम नगर निगम ने किया है। ऐसे में नगर निगम इन एजेंसियों की सड़के खोद तो देता है। लेकिन मरम्मत का काम ठीक से नहीं कराता। सड़के खराब होने पर निर्माण एजेंसियों से जब सवाल पूछे जाते हैं तो वें सीधे तौर पर नगर निगम को जिम्मेदार बताते है। दोनों एजेंसियों के बीच नोटिस जारी करने और जवाब देने का सिलसिला चलता रहता है। इस दौरान आम आदमी को गड्ढ़ों के बीच से सफर करना पड़ता है।
नेशनल हाईवे भोपाल के ईई दीपक असाटी का कहना हैं कि नगर निगम को दो बार नोटिस दिए जा चुके है। सड़क नहीं सुधारेंगे तो एनएचएआई कार्रवाई करेगा। वहीं नगर निगम के चीफ इंजीनियर एआर पवार का कहना हैं कि अगले दो-तीन दिन में स्लाटर हाउस के सामने की सड़क को ठीक कर दिया जाएगा।