GWALIOR News. जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत अमरोल के सरपंच पद की विजयी प्रत्याशी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रत्याशी सुधा कुशवाह के बांग्लादेशी नागरिक होने का संदेह व्यक्त कर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शांतिशरण गौतम और सरपंच पद पर चुनाव लड़ रही मीना अनंत आदिवासी ने आपत्ति लगाई है।
मतदान और मतगणना के बाद लगाई गई इस आपत्ति में शिकायतकर्ताओं ने सरपंच प्रत्याशी पर गलत जानकारी देकर राज्य निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का आरोप लगाया है। सुधा कुशवाह के बांगलादेशी नागरिक होने का संदेह जताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह, संभागायुक्त आशीष सक्सेना, आईजी डी श्रीनिवास वर्मा, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, एसपी अमित सांघी से शिकायत करके दस्तावेजों की जांच कराने की मांग की है। शिकायतकर्ता के द्वारा कहा गया है। सुधा कुशवाह द्वारा स्वयं को गोंड जनजाति का दर्शाये जाने पर भी आपत्ति लगाई है। मतदान से पहले हुई शिकायत के बाद भी रिटर्निंग अधिकारी वायएस तोमर द्वारा संज्ञान न लिए जाने पर प्रत्याशी मीना आदिवासी और दूसरे शिकायतकर्ता शांतिशरण ने अपने स्तर पर जब दस्तावेज खंगाले तो ग्वालियर एवं बैतूल से चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि सुधा कुशवाह ने चार अलग-अलग दस्तावेजों में अलग-अलग जानकारी भरी है। इसके अलावा ग्राम पंचायत और नगर निगम के वार्ड-65 में तीन समग्र आईडी और मतदाता परिचय पत्र भी बनवाए हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि अधिकारियों द्वारा सुनवाई न किए जाने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (Kaushlendra Vikram Singh) का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह बात अभी सिर्फ मीडिया से ही आई है शिकायत आएगी तो जांच कराएंगे।
ये है आरोप
- समग्र आईडी में चार जगह नाम....।
- अमरोल पंचायत में सबसे ज्यादा वोट पाने वाली प्रत्याशी पर बांग्लादेशी होने का आरोप
- आदिवासी आरक्षित सीट पर हुआ था चुनाव
- शपथपत्र में गलत जानकारी देकर आयोग को गुमराह करने की हुई शिकायत
- महिला प्रत्याशी के जेठ को मिले हैं जिला पंचायत सदस्य के वार्ड 10 में सबसे ज्यादा वोट
- बैतूल का निवासी बताकर भरा था महिला ने नामांकन