Bhopal. प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। 22 जून को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि के बाद अब तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गई है। कांग्रेस और भाजपा में बड़ी संख्या में बागी उम्मीदवारों ने पर्चा भरा। साथ ही निकाय चुनावों में भाजपा द्वारा आपराधिक छवि के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बाद काफी विरोध हुआ जिसके बाद पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली है। पार्टी ने वार्ड 40 से सट्टा किंग बाबू मस्तान की पत्नी मसर्रत को मैदान में उतारा था। जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की सिफारिश पर मसर्रत को टिकट दिया गया था। बाबू मस्तान पर बड़ी संख्या में गंभीर मामले दर्ज हैं। बीजेपी से टिकट कटने के बाद अब बाबू मस्तान ने निर्दलीय ताल ठोक दी है साथ दी उसने अपनी पत्नी को भी चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। अर्थात पति पत्नी एक ही वार्ड से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं वार्ड 40 से भाजपा ने आसिफ अकील को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वार्ड 44 में भी बदला
इसी तरह वार्ड 44 से पिंकी भदौरिया उर्फ भूपेंद्र सिंह चौहान का टिकट काटकर विमलेश ठाकुर को दिया गया है। इन दोनों को उम्मीदवारी को लेकर काफी बवाल हुआ था। इसके बाद भाजपा ने दोनों के टिकट काट दिए थे। दरअसल भाजपा चयन समिति ने ऐलान किया था कि निकाय चुनावों में दागियों को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। वहीं अपराधियों के पक्ष में टिकट दिलाने वाले मंत्री ने पूरा जोर लगा दिया लेकिन प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की चेतावनी के बाद दोनों के टिकट काट दिए गए।
पेशेवर अपराधी हैं दोनों
पिंकी भदौरिया उर्फ भूपेंद्र चौहान एवं बाबू मस्तान अपने भांजे जुबेर मौलाना के साथ मिलकर नरेला विधानसभा क्षेत्र में जमकर गैरकानूनी काम करते हैं। इन पर सत्ता के संरक्षण के आरोप भी लगते रहे हैं। कई बार पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस पर दबाव बनाकर उसे रोक दिया गया। पूर्व कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने पिंकी भदौरिया को जिला बदर कर दिया था।