Bhopal. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले कई कर्मचारी पकड़े गए हैं। इन कर्मचारियों पर अब गाज गिरने वाली है। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्तियों का मामले का खुलासा साल 2016 में एक गोपनीय शिकायत से हुआ था। जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले 119 कर्मचारियों की सूची बनाई थी। जिसमें सबसे ज्यादा संदिग्ध 64 दतिया जिले में पाए गए थे। इनके दस्तावेजों की जांच की गई थी। इसके साथ ही 55 ऐसे फर्जी कर्मचारी पकड़े गए थे, जिनकी नियुक्ति ट्रांसफर रिलीविंग और आदि फर्जी तरीके से हुए थे। इन सभी को संदिग्ध मानते हुए इनके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए विभाग ने आदेश जारी किए हैं। साथ ही 3 दिन में इन सभी को डॉक्यूमेंट देने की बात कही है।
7 साल पुराना केस
करीब सात साल पहले स्वास्थ्य संचालनालय से स्थानांतरण के फर्जी आदेश जारी हुए थे। जिसके आधार पर संबंधित जिले में कर्मचारियों की ज्वाइनिंग करने नौकरी लगा दी गई थी। कुछ जिलों में यह कर्मचारी पदों पर पदस्थ हो गए थे। जब शिकायत हुई तो उसके बाद से तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक और अधिकारियों-कर्मचारियों ने मामले में जांच नहीं की, जबकि पिछली बार के हेल्थ कमिश्नर ने जब जांच करवाई तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का सामना हुआ। अब उनके दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जिसके लिए आदेश निकाल दिए हैं।
जांच के घेरे में कई अधिकारी
मामले में अभी तक स्वास्थ्य विभाग के कई पूर्व संचालक और अधिकारी-कर्मचारी जांच के घेरे में हैं। स्वास्थ्य विभाग से फर्जी स्थानांतरण आदेश जारी कर कर्मचारी की जिले में ज्वाइनिंग कराई जाती थी। अब इनके ओरिजिनल दस्तावेजों को मांगा गया है। अगर दस्तावेज पेश नहीं किए गए तो संदिग्ध नौकरी पाने वालों के खिलाफ पैसे के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
इन लोगों ने पाई फर्जी तरीके से नियुक्ति
119 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फर्जी तरीके नौकरी कर रहे हैं। उनमें एएनएम, एमपीडब्ल्यू,एलएचवी शामिल है। इन कर्मचारियों के नाम सरोज परस्ते, सीमा भावर, राम भाई, दुर्गा, मधुरा, सविता पटेल, धनेश्वरी मुरारी, गीता, रुकमणी संतोष सोनी आदि शामिल है।