हनी ट्रैप और मानव तस्करी केस में दिल्ली ईडी ने नोटिस देकर किया तलब, सभी से पूछ रहे कहां से आया पैसा

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Vivek Sharma
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हनी ट्रैप और मानव तस्करी केस में दिल्ली ईडी ने नोटिस देकर किया तलब, सभी से पूछ रहे कहां से आया पैसा

संजय गुप्ता, INDORE. विधानसभा चुनाव के 11 माह पहले हनी ट्रैप केस ने एक बार फिर सभी हाईप्रोफाइल लोगों की नींद उड़ा दी है। इसकी वजह है कि 15 दिनों से हनी ट्रैप केस से जुड़े पक्षकारों को दिल्ली ईडी ऑफिस से नोटिस तामील कराए जा रहे हैं। नोटिस भी ऐसा नहीं कि लिखित जवाब भेज दो, बल्कि नोटिस देकर बाकायदा उन्हें दिल्ली मुख्याल पर बयान के लिए बुलाया जा रहा है और एक-एक कर सभी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसमें हनी ट्रैप के सभी आरोपियों श्वैता जैन, आरती दलाल और उसके परिजन के साथ ही अभिषेक को नोटिस मिलने और दिल्ली जाकर बयान देने की पुष्टि उनके वकील यायावर खान ने की है। वहीं सूत्रों के अनुसार मानव तस्करी मामले में जिनके नाम रिपोर्ट में लिखे गए हैं, उन सभी को भी नोटिस जारी हुए हैं। हालांकि अभी यह सामने नहीं आया कि किन-किन लोगों को यह नोटिस मिल चुके हैं और किनके बयान हो चुके हैं। 





श्वेता से मिले थे 60 लाख





खान ने बताया कि श्वेता के पास से पुलिस ने 60 लाख जब्त किए थे, नोटिस के जवाब मे हमने ईडी को बता दिया कि वह कहां से कैसे आए थे, जवाब दे दिया है। आरती के पास से कोई राशि नहीं मिली थी, उनके परिजनों ने भी बयान दे दिया कि उनके पास आरती का एक रुपया भी नहीं है।





ईडी नोटिस में यह पूछा जा रहा है





नोटिस में मुख्य तौर पर सभी पक्षकारों से उनके पास मिली राशि या जो उनके नाम से लेना-देना बताया गया है विविध रिपोर्ट में उनका हिसाब मांगा जा रहा है। इसी के आधार पर केस में नाम जोड़े जाएंगे। 





नोटिस पाने वालों में कई हाईप्रोफाइल





इस के केस की जांच करने वाले एसआईटी के तत्कालीन चीफ राजेंद्र कुमार ने रिटायरमेंट से पहले हाईकोर्ट को बंद लिफाफा सौंपा था। बताते हैं कि इसमें प्रदेश के कई हाईप्रोफाइल आईएएस, आईपीएस के साथ ही कुछ प्रमुख राजनेताओं के नाम भी थे लेकिन आज तक औपचारिक तौर पर किसी के नाम सामने नहीं आए हैं।   





इंदौर के सिटी इंजीनियर केस से हुआ था खुलासा





साल 2019 में नगर निगम इंदौर के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया थाना पुलिस से शिकायत की थी कि उनकी सीडी बनाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। इस शिकायत पर पुलिस ने एक लड़की को गिरफ्तार किया, फिर उसके आधार पर श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्लिन जैन, आरती दयाल, बरखा सोनी और ड्राइवर अभिषेक ठाकुर को गिरफ्तार किया। फिर इसमें एसआईटी का गठन हुआ और भोपाल स्थित आरोपी महिलाओं के घर पर दबिश देकर लाखों रुपए नकदी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए गए। 





अपने जाल में उलझाकर बड़े सरकारी काम कराए, लाखों वसूले





बताया जाता है कि हनी ट्रैप मामले में पांच महिलाओं ने कई बडे लोगों को अपने जाल में उलझाकर उनसे ना केवल करोड़ों की राशि उगाही, बल्कि सरकारी टेंडर पास कराने जैसे काम भी कराए। खुद सिटी इंजीनयर हरभजन सिंह ने उन्हें ब्लैकमेल कर तीन करोड़ रुपए मांगने की बात कही गई थी। 





दो केस चल रहे हैं, एक हनी ट्रैप तो एक मानव तस्करी 





इस मामले में दो केस सामान्तर चल रह रहे हैं। हनी ट्रैप का केस पलासिया पुलिस थाने में तो दूसरा केस इसी हनी ट्रैप में से एक युवती ने फरियादी बनकर भोपाल में मानव तस्करी कराने का केस भी कराया था। मानव तस्करी मामले में पेश चार्जशीट में कई बातें कही गई है। 





मानव तस्करी चार्जशीट में बताया कैसे फंसाते थे





मानव तस्कीर केस की चार्जशीट में फरियादी ने बताया है कि हनी ट्रैप गैंग की आरोपी महिला श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्लिन जैन, आरती दयाल और बरखा सोनी अपने ड्राइवर अभिषेक ठाकुर की मदद से मिडिल क्लास लड़कियों को महंगी लाइफ स्टाइल और आर्थिक मदद का झांसा देकर अपने जाल में फंसाती थी। आरती दलाल कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच देती थी। आरोपी आरती दयाल झांसे में आई लड़कियों को अयोध्या नगर स्थित अपने फ्लैट में रखती थी। इसी फ्लैट पर दूसरी महिला आरोपी श्वेता विजय जैन आती थी और लड़कियों को गैंग के वास्तविक काम के बारे में बताया जाता था और उन्हें समझाया जाता था कि यदि पैसे वाले हमारी या हम जैसी औरतों का दैहिक शोषण करते हैं तो उनको ब्लैकमेल कर उनसे पैसा लेना कोई गलत काम नहीं है।



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