सचिन त्रिपाठी, SATNA. सतना के नागौद विधानसभा के पांच गांव ऐसे हैं जिनका बरसात के 4 महीने में शहर से संपर्क टूट जाता है। वजह है इन गांव तक का इकलौता पहुंच मार्ग पानी में डूब जाता है। असल में गर्रा नदी से होकर इन गांव का रास्ता जाता है जिस पर बनी पुलिया बरसात के समय डूब जाती है। यही कारण है कि 5 गांव के लोगों का आवागमन बंद हो जाता है। पांच गांवों में पनास, रौंड, खम्हरिया, बड़खेरा और चितौंधा शामिल हैं। करीब 5 हजार लोग प्रभावित होते हैं।
जोखिम में जान..#सतना के पनास गांव में बेटी का इलाज कराने के लिए पिता ने उफनती नदी पार की। शहर तक पहुंचने का ये एकमात्र रास्ता, हर बारिश में टूट जाता है संपर्क। 10 सालों से कर रहे हैं पुल की मांग।
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— TheSootr (@TheSootr) August 21, 2022
बेटी को इलाज के लिए गोद में ले गया पिता, उफनती नदी पार की
ये बात तब सामने आई जब एक मजबूर पिता ने अपनी बीमार बेटी को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों की मदद से उफनाती नदी को पार किया। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में गांव के लोग बीमार बिटिया को गोद में लेकर उफनती नदी पार कर रहे हैं। इसके बाद बाइक को भी ग्रामीणों ने ही निकाला। बताया जा रहा है कि पनास में रहने वाली वर्षा कोरी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। तब उसके पिता रामबालक कोरी ने उसे नजदीक के नागौद अस्पताल ले जाने की कोशिश की। इसमें गांव वालों ने मदद की।
ग्रामीण 10 सालों से कर रहे हैं पुल की मांग
इस रोड से पनास, रौंड, खम्हरिया, बड़खेरा और चितौन्धा के करीब 5 हजार लोगों का आवागमन बंद हो गया है। आपातकाल में ही लोग उस पार जाते हैं। ग्रामीण 10 सालों से पुल की मांग कर रहे हैं। अधिकारी कोई जवाब नहीं देते हैं। हर बारिश में 5 गांवों का शहर से संपर्क टूट जाता है।
2018 में पुल का टेंडर निरस्त
पूर्व पंच पंकज द्विवेदी ने बताया कि 2018 में पुल का टेंडर निरस्त कर दिया गया तब से इस मार्ग में पुल नहीं बना सके। जबकि 2012 में बकायदा टेंडर हुआ और उस पर काम किया लेकिन ठेकेदार की गफलत की वजह से निर्माण नहीं हो सका और टेंडर निरस्त कर दिया गया। 2012 से पुल की मांग की जा रही है।