Rajgarh. राजगढ़ में किसानों के खाते में सरकार ने फसल बीमा राशि डाली थी। बोड़ा सोसाइटी में पदस्थ कर्मचारियों ने उस राशि को बैंक में होल्ड करा दिया जिससे नाराज किसानों ने धरना प्रदर्शन किया और रोड जाम कर दिया। इसकी खबर जिला सहकारी संस्था बैंक के जिला प्रबन्धक डीआर सरोटिया सहित जिला कलेक्टर को लगी। उन्होंने फौरन जिला प्रबन्धक को बोड़ा जाने के निर्देश दिए। जिला प्रबन्धक बोड़ा सोसाइटी पहुंचे और किसानों को समझाइश देकर चक्काकाम और धरना खत्म करा दिया। उन्होंने सोसाइटी के तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर जांच करने की बात कही।
गलत तरीके से बीमा राशि डालने की बात
लंबे अंतराल के बाद जब किसानों को अभी तक बीमा राशि नहीं प्राप्त हुई तो वे फिर से 24 मई मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे इससे पहले किसान सहकारी बैंक के जिला प्रबन्धक डीआर सारोटिया से मिले इस बीच किसानों की लंबी बातचीत हुई। जहां सरोटीया द्वारा बीमा की राशि गलत तरीके से डालना बताया गया उनका कहना है कि किसानों का जब बैंक में ऑडिट था तो बीमा हुआ कैसे। साथ ही ये भी कहना था कि किसानों ने एक ही ऋण पुस्तिका पर एक बैंक के बजाय अन्य बैंक से भी बीमा करा लिया।
सोसाइटी के कर्मचारियों पर होगी FIR
इस पूरे मामले में किसानों ओर जिला प्रबन्धक डीआर सरोटिया के बीच बातचीत हुई। जहां सरोटिया ने क्षेत्रीय सांसद और जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में ही अग्रिम कार्रवाई करने की बात कही। वहीं किसान इसके बाद जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित से मिले, जहां कलेक्टर ने फौरन सोसाइटी कर्मचारियों पर पहले हुई निलंबन की कार्रवाई के बाद अब FIR दर्ज करवाने की बात कही। ऐसा कहना किसानों का था कि ऐसे निर्देश दिए हैं लेकिन इस मामले में जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने द सूत्र प्रतिनिधि का कॉल रिसीव नहीं किया और ना ही मुलाकात की।
जिला सहकारी प्रबंधक डीआर सरोटिया ने रखा पक्ष
इस मामले में द सूत्र ने जब जिला सहकारी प्रबंधक डीआर सरोटिया से बात तो उन्होंने अपना पक्ष जरूर रखा। लेकिन उन्होंने इस बारे में कागजी आंकड़े को लेकर सवाल का जवाब और कागजी जानकारी सिर्फ जिला कलेक्टर के कहने पर ही देने की बात कही। ऐसा नहीं करने पर सूचना के तहत जानकारी देने की बात कही।
8 करोड़ 25 लाख आए थे, होल्ड करके 6 करोड़ लौटाए
इस मामले में पूर्व में 8 करोड़ 25 लाख रुपए आए थे जिसके बाद राशि किसानों के खातों में होल्ड करवाते हुए 6 करोड़ की राशि वापस लौटा दी गई। वहीं बताया जा रहा है कि 2 से 3 करोड़ की राशि बोड़ा सोसाइटी में रखी हुई है जिसे ना किसानों को प्रदाय की जा रही है ना ही भोपाल लौटाई गई। ऐसे में कई सवाल खड़े होते नजर आते हैं।