भोपाल. कोविड महामारी में निराश्रित हुए बच्चों (ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मौत हुई है) को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का मामला सामने आया है। धार जिले के हातोद में निराश्रित बच्चों को कोविड महामारी के दौरान ना तो राशन मिला और ना ही अनुग्रह राशि मुहैया कराई गई। राष्ट्रीय बाल आयोग ने जब जिले का दौरा किया तो बड़े पैमाने पर प्रशासनिक लापरवाही देखने को मिली। आयोग के दौरे की खबर मिलते ही प्रशासन ने आनन-फानन में एक हफ्ते पहले ही बेसहारा बच्चों को सहायता राशि दे दी। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने प्रशासन की इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। कानूनगो ने इस संबंध में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को पत्र लिखकर आयोग की रिपोर्ट पर 7 दिन में कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बाल आयोग के दौरे में सामने आई लापरवाही: दरअसल बाल आयोग को कोविड महामारी के दौरान निराश्रित हुए बच्चों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की शिकायत मिली थी। इस पर बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने 6 मार्च को हातोद का दौरा किया था। इस दौरे पर उन्होंने पाटीदार परिवार से चर्चा की जिसमें यह बात सामने आई कि निराश्रित बच्चे के दादाजी के नाम पर 13 बीघा जमीन है, लेकिन वह जमीन माता या पोते के नाम पर नहीं है। पिता की कोविड-19 से मौत हो गई है। ऐसे में बच्चे परेशान हो रहे हैं। एक बच्चा पढ़ाई छोड़ चुका है जबकि वह दसवीं में बेहतर श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ था। इन बच्चों का राशन कार्ड ना होने की वजह से उनको राशन भी नहीं मिल रहा है। इस तरह की कई समस्याएं सामने आई थी। इन समस्याओं को लेकर जब बाल आोयग ने सीईओ से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने योजना के लिए आवेदन दिए हैं उन्हें ही लाभ दिया जाएगा। जबकि योजनाओं से बच्चों को जोड़ने की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की है।
बाल आोयग ने पत्र लिखकर मुख्य सचिव को दिए निर्देश: सरकारी सुविधाओं का लाभ बच्चों को नहीं मिलने को लेकर बाल आयोग सख्त हो गया है। बाल आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है, साथ ही बाल आयोग ने दौरे की रिपोर्ट पर 7 दिन में कार्रवाई करने के निर्दश दिए हैं। मुख्य सचिव को कार्रवाई की रिपोर्ट 7 दिन में आयोग को भेजनी होगी।
बाल आयोग ने अपने पत्र में मुख्य सचिव को यह निर्देश दिए हैं
- आयोग ने पाटीदार परिवार को सभी पात्र योजनाओं का लाभ दिलाने के आदेश दिए। इसके साथ ही बच्ची को कॉलेज में एडमिशन दिलाने और बच्ची की माता को विधवा पेंशन योजना का लाभ दिलाने के भी आदेश दिए। आयोग ने यह भी कहा है कि परिवार को अजीविका मिशन से जोड़ा जाए जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो।