दिग्विजय सिंह ने कहा- रघु ठाकुर भारत में डॉ लोहिया के एकमात्र शिष्य हैं

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दिग्विजय सिंह ने कहा- रघु ठाकुर भारत में डॉ लोहिया के एकमात्र शिष्य हैं

भोपाल. रघु ठाकुर वर्तमान में लोहिया जी के एक मात्र शिष्य हैं। वे उनका मान बढ़ा रहे हैं। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की पुस्तक 'कोरोना काल' के तीसरे संशोधित संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में 6 मार्च को कही। आयोजन स्टेट म्यूजियम श्यामला हिल्स के सभागार में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पुस्तक पर चर्चा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ,  पत्रकार गिरिजा शंकर, माधव राव सप्रे संग्रहालय भोपाल के निदेशक विजयदत्त श्रीधर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।



परिस्थितियों का नीर-क्षीर विवेचन: आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। शिक्षाविद् जयंत सिंह तोमर ने पुस्तक कोरोना काल के तीसरे संशोधित संस्करण का परिचय देते हुए कहा कि पहले जब विचारकों को सत्ता या अंग्रेजों के विरोध में जेल जाना पड़ता था, तो वहां वे पुस्तक लिखते थे। ऐसा ही रघु ने कोरोना काल में किया। उन्होंने कोरोना काल के समय का उपयोग किताब लिखकर किया। इस किताब में उन्होंने विदेशनीति, अर्थनीति सामान्य जन की पीड़ा सबको दृष्टिगत रखते हुए लिखा। हम कह सकते हैं कि रघु जी की यह पुस्तक कोरोना काल की परिस्थितियों का नीर-क्षीर विवेचन है। 



रघु का जीवन गांधी जैसा: कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर ने कहा कि रघु भाई वन मैन आर्मी हैं, जो अकेले ही विपक्ष की भूमिका निभाते रहे हैं। रघु भाई राजनैतिक चेतना लाने का काम भी कर रहे हैं। आल्बर्ट आइन्स्टाइन ने गांधी जी के बारे में कहा था कि यह कहना मुश्किल है कि हाड़-मांस से बना यह व्यक्ति क्या-क्या चमत्कार दिखा सकता है, यह बात रघु ठाकुर जी के लिए भी सटीक बैठती है। 



कमलनाथ ने ये कहा: नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि रघु जी को जन सेवक के तौर पर जाना जाता है, लेकिन उनकी कोरोनाकाल पुस्तक के प्रकाशन के बाद खुद कमलनाथ और रघुजी को जानने वाले दूसरे लोग उनके कवि व लेखक रूप से परिचित हुए हैं। कमल नाथ ने कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी का दौर भी देखा और राजीव गांधी को 415 सीटों पर जीतकर सरकार बनाते भी देखा। इसके बाद से राजनीति में जो गिरावट का दौर आया उसे भी वे देख रहे हैं। इस दौर में रघु जी आज भी अपनी बात बिना डरे कहते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल में कोरोना के प्रभावों को दबाया गया, उसके परिणामों को छिपाया गया। लेकिन इससे कोविड कम नहीं हुआ। कोरोनाकाल पुस्तक इन हालातों की हकीकत बयान करने वाली पुस्तक है। 



दिग्विजय ने ये कहा: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि रघु जी की पुस्तक कोरोना काल इस बात का प्रमाण है कि डॉ. रामनोहर लोहिया का अगर कोई शिष्य भारत में बचा है तो वह केवल रघु ठाकुर ही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ज्यादातर सत्ता में ही रही, इसलिए कांग्रेस विपक्ष की राजनीति में भलमनसाहत से काम लेती है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष की भूमिका सीखनी है तो डॉ. लोहिया और उनके शिष्य रघुजी से इसे सीखा जा सकता है।  कार्यक्रम के आखिर में सागर के पूर्व विधायक सुनील जैन ने धन्यावद ज्ञापन किया। 

 


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