Damoh. दमोह में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में हटा जेल में बंद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के बेटे इंद्रपाल पटेल ने गैसाबाद से जनपद सदस्य का चुनाव जीता है। जनपद सदस्य बनने के बाद अध्यक्ष पद पर वोट करने की अनुमति व अध्यक्ष पद के चुनाव सम्मेलन में भाग लेने की याचिका इंद्रपाल के द्वारा न्यायालय में लगाई गई थी जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। 27 जुलाई बुधवार को जनपद प्रतिनिधियों का सम्मेलन होना है जिसमे अध्यक्ष पद का चुनाव भी होना तय है। ऐसी स्थिति में इंद्रपाल की ओर से अभिरक्षा में रहते हुए वोट करने एवं सम्मेलन में शामिल होने न्यायालय से अनुमति चाही थी। जिसे हटा न्यायालय ने सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया है।
देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में है आरोपित
मामले में आपत्तिकर्ता सोमेश चौरसिया की ओर से हटा न्यायालय में पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनीष नगाइच व गजेंद्र चौबे ने बताया के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 62 में किसी भी बंदी को वोट करने का अधिकार नहीं देती है। श्री नगाइच का न्यायालय में तर्क था कि वोट करने का अधिकार किसी बंदी का मौलिक अधिकार नहीं है। ऐसी स्थिति में इंद्रपाल को जेल में रहने के दौरान जनपद में वोट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती व न्यायालय को बताया गया कि आरोपित की जमानत हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में निरस्त की जा चुकी है। साथ ही यह संवेदनशील मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है। सारी बहस, दलील एवं दोनों पक्षो की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के आधार पर न्यायालय ने इंद्रपाल की ओर से प्रस्तुत वोट पेरोल आवेदन निरस्त कर दिया।
अध्यक्ष पद की वोटिंग को लेकर संशय बरकरार
फिलहाल इस वोट पेरोल आवेदन के निरस्त होने के बाद जनपद पंचायत हटा के सदस्य सम्मेलन व उसमें होने वाले जनपद अध्यक्ष के चुनाव की पूरी प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह अंकित हो गया है। अलग- अलग दलों से अध्यक्षी पाने का दंभ भरने वाले गुटों की कवायद पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर कुछ समर्थकों के साथ बाड़ाबंदी और भूमिगत होने वाले जनपद सदस्यों को भी ज्यादा दिन रोके रहना टेड़ी खीर साबित हो रहा है