भोले-भाले ग्रामीणों से पहले ले लिए दस्तावेज, फिर उनके नाम फायनेंस कराई बाइकें, करोड़ों का किया फर्जीवाड़ा, मामला दर्ज

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Rajeev Upadhyay
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भोले-भाले ग्रामीणों से पहले ले लिए दस्तावेज, फिर उनके नाम फायनेंस कराई बाइकें, करोड़ों का किया फर्जीवाड़ा, मामला दर्ज

Jabalpur. आजकल की चकाचौंध भरी दुनिया में सभी शॉर्टकट का रास्ता अपनाने में लगे हुए हैं। कोई भी मेहनत के दम पर बड़ा नहीं बनना चाह रहा बल्कि चोरी, मक्कारी और जालसाजी के नए-नए तरीके अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने की फिराक में है। जबलपुर पुलिस को अब एक ऐसे ही गिरोह की तलाश है जिसने पहले तो भोलेभाले ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनके दस्तावेज हासिल किए, फिर उन्हीं लोगों को अंधेरे में रखकर उनके नाम पर दोपहिया वाहन फायनेंस करा लिए। इस तरह इस गिरोह ने एक बैंक को करीब करोड़ों का चूना लगा दिया है। बड़ी बात यह है कि इस गिरोह में बैंक में कार्यरत अधिकारी भी शामिल है। 



दोपहिया वाहन की एजेंसी खोलकर की जालसाजी




दरअसल मोहित पैगवार नाम के आरोपी ने लोगों को ठगने के लिए साल 2016 में साईं ऑटो मोबाइल्स के नाम से पाटन में हीरो बाइक की एजेंसी खोली और इस जालसाजी के लिए 3-4 कर्मचारी भी रख लिए। ये कर्मचारी ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनके दस्तावेज ले लेते थे और फिर ग्रामीणों को यह पता ही नहीं लग पाया कि कब उनके नाम से दोपहिया वाहन फायनेंस हो गए। 



बैंक अधिकारियों को भी गिरोह में किया शामिल



मुख्य आरोपी मोहित पैगवार ने बिना किसी एफआई के वाहन फायनेंस करवाने के लिए इंडसइंड बैंक के मार्केटिंग अधिकारी सचिन पांडे और श्रीराम बैंक के फाइनेंस एग्जीक्यूटिव अंकित पटेल को अपनी टीम में शामिल कर लिया था। जिसके चलते ग्रामीणों के नाम पर बिना किसी वैरिफिकेशन के वाहन फायनेंस हो जाता था। 




बैंक से लोन लेकर ही खोली थी एजेंसी



इतना ही नहीं आरोपी मोहित पैगवार ने श्रीराम फाइनेंस से करीब 65 लाख और इंडसइंड बैंक से 5 करोड़ का लोन लिया था। जिन पैसों से उसने टूव्हीलर की एजेंसी खोली थी। गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद ग्रामीण तो ग्रामीण खुद बैंक के अधिकारी कर्मचारी भी सिर पकड़ कर बैठे हुए हैं। 



नहीं कराते थे वाहनों का रजिस्ट्रेशन



पुलिस ने बताया कि यह गिरोह ग्रामीणों के नाम पर फायनेंस कराया हुआ वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड ही नहीं कराते थे और उसे बेच देते थे। एजेंसी द्वारा खरीदी गई कुल टूव्हीलर्स में से 94 टू व्हीलर्स ऐसी पाई गईं हैं जिनका आरटीओ में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया गया। 



पुलिस ने दर्ज किया मामला



इस पूरे मामले में दो बैंकों को करीब 5 करोड़ का चूना लगाया गया है वहीं ग्रामीणों के नाम पर 6 करोड़ से ज्यादा कीमत के वाहन फायनेंस कराए गए हैं जिनकी ईएमआई भोलेभाले ग्रामीणों के एकाउंट से कटना शुरू हो गई थी। जिसके बाद ऐसे करीब 150 लोगों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पूरे स्कैम की जांच करने के बाद पुलिस ने मोहित पैगवार और उसके साथियों सचिन पांडे और अंकित पटेल के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। पुलिस को इनकी तलाश है जिनके पकड़ में आने के बाद इस गिरोह के और सदस्यों की जानकारी हाथ लगेगी। 


Bikes got financed in the name of villagers by taking documents forgery of crores Cheating from villagers in the name of schemes in Jabalpur जबलपुर में योजनाओं के नाम पर ग्रामीणों से ठगी दस्तावेज लेकर ग्रामीणों के नाम फायनेंस कराई बाइकें करोड़ों का किया फर्जीवाड़ा