Bhopal. यूपीएससी का रिजल्ट किसी के जीवन में खुशियां लाता है तो किसी के जीवन में निराशा। लेकिन हार के जीतने वाले को ही बाजीगर कहते है। रिजल्ट से निराश और रैंक न आने के कारण कई उम्मीदवार तनाव में है। लेकिन आप अपने जहन में कुछ बाते बांध लें और फिर से एक नई शुरूआत करें। असफल होने से उम्मीद न खोकर फिर से उठ खड़े होने का समय है।
रिजल्ट से निराश इन पॉइंट्स का रखें ध्यान
⦁ जो गया सो गया, जो आने वाला है उसके लिए तैयार होना जरूरी है। इसलिए सफल न होने पर अगले ही दिन से अगली बार की तैयारी में जुट जाएं।
⦁ यह वो समय है जब लोग आपको कहेंगे पुरानी बातें भूल जाओ और नई चीजों पर फोकस करो। लेकिन, पुरानी गलतियों से मिली सीख को नहीं भूलना है। उसे याद कर और ज्यादा लगन और महनत से काम करना है।
⦁ पढ़ने के पैटर्न में बदलाव करें। कोशिश करें कि अगले एग्जाम के लिए नई स्ट्रेटजी बनाएं और उसे फॉलो करें।
⦁ अपने तनाव को कम करने के लिए उन लोगों से कुछ दिन दूरी बनाएं जो आपको डीमोटिवेट या बुरा महसूस कराने की कोशिश में लगे हों।
⦁ सभी का सफर एक जैसा नहीं होता। एक्जाम में असफलता मिलने के बाद कई उम्मीदवार उम्मीद छोड़कर पीछे हट जाते है। लेकिन आपका सफर अलग है। अपने सफर को सुखद बनाने के लिए जीवन का नया अध्याय शुरू करें।
⦁ एक बार फिर पढ़ाई में लगते हुए खुद को एग्जॉस्ट ना करें बल्कि प्रोपर टाइम मैनेजमेंट के साथ ही आगे बढ़ें।
⦁ अपनी तुलना किसी और से ना करें, ऐसा करके आप खुदको दुख देने का ही कम करेंगे। जितना हो सके खुदको बेहतर करने पर ही ध्यानकेन्द्रित करें।
⦁ अपने आप को किसीसे कम न आके क्योंकि जो छमता आपके अंदर है वो किसी और में नहीं।
⦁ नए जज्बे के साथ फिर से मन में गांठ बांध कर फिर से तैयारी में जुट जाएं। बेकार की बातों पर ध्यान न दें क्योंकि अगले एक्जाम के लिए समय कम और सिलेबस ज्यादा है।
हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का रिजल्ट जारी हुआ है। जिसमें टॉप लिस्ट में तीनों स्थान पर लड़कियों ने बाजी मारी है। पहले नंबर पर श्रुति शर्मा, दूसरे नंबर पर अंकिता अग्रवाल और तीसरे नंबर पर गामिनी सिंगला ने अपने नाम किया हैं। तो वहीं हर बार की तरह इस बार भी कई उम्मीदवारों को हताशा और निराशा ही हाथ लगी है। लेकिन, असफलता जीवन में नए द्वार खोलती है जिन्हें व्यक्ति खुद ही देख पाता है। असफल होने के बाद तनाव और टेंशन की कोई सीमा नहीं रहती है। लेकिन हार मानने के बजाय अपनी गलती सुधारना और अगली बार के लिए तैयारी में जुट जाना ही तो हौंसले की मिसाल है, और ये बात यूपीएससी उम्मीदवारों से बेहतर कौन जानता है।