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Jabalpur. जबलपुर और इसके आसपास के जिलों में लगातार लगी झमाझम बारिश की झड़ी के चलते इस साल रानी अवंति बाई सागर परियोजना के अधिकारी कर्मचारियों की जमकर परेड हो रही है। आमतौर पर साल में एकाध बार खुलने वाले बरगी बांध के गेटों को इस साल बार-बार खोलना पड़ रहा है। बुधवार को बांध के कैचमेंट एरिया में हुई मूसलाधार बारिश के चलते बांध अपनी जलभराव क्षमता से 13 सेमी से ज्यादा भर गया। जिसके बाद बरगी बांध के 13 गेट खोलने पड़े। गेट खोले जाने के बाद नर्मदा के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
ग्वारीघाट में दुकानदारों को फिर हुई आफत
बरगी बांध के गेट खोले जाने के बाद जबलपुर के नर्मदा तट ग्वारीघाट में दुकानदारों को एक बार फिर अपना साजोसामान लेकर दुकानें खाली करनी पड़ गईं। इससे पहले मंगलवार को बरगी बांध के 11 गेट खोले गए थे लेकिन अचानक हुई बारिश के बाद 2 गेट और खोल दिए गए। बरगी बांध से 13 गेटों के जरिए 3083 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है।
डेम प्रबंधन भी कर रहा सतत निगरानी
रानी अवंति बाई सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने बताया कि गेटों की संख्या और हाइट बढ़ाने के निर्णय के साथ नर्मदा के जलस्तर में 25 से 28 फिट की बढ़ोतरी हो सकती है। मंगलवार को नर्मदा तटों पर पानी 15 फुट ऊपर था। बांध प्रबंधन ने निचले क्षेत्र में नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्र के रहवासियों से घाटों और डूब क्षेत्र से पर्याप्त दूरी बनाये रखने की अपील की है। कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने बताया कि कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश की वजह से बांध में पानी की आवक बनी हुई हैं। जल निकासी और आवक को देखते हुए और गेट खोलने या ऊंचाई घटाने बढ़ाने का बाद में निर्णय लिया जाएगा।
मौसम विभाग की मानें तो जबलपुर संभाग में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण हो रही है। जिसके चलते मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में इस सिस्टम का असर दिखाई दे रहा है। संभावना जताई जा रही है कि अगले 3 दिनों तक इसी तरह की बारिश देखने को मिलेगी।