Jabalpur. प्रदेश में ईओडब्ल्यू की सिलसिलेवार कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है। दूसरी तरफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीमें हर दूसरे दिन एक न एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं। इस बार ईओडब्ल्यू ने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक पर शिकंजा कस दिया है। सहायक प्रबंधक पन्नालाल उइके की यह शिकायत विभाग को मिली थी कि उन्होंने अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर अच्छी खासी संपत्ति अर्जित की है और भ्रष्टाचार से बड़े आसामी बन चुके हैं। शिकायत पर जांच करते हुए विभाग ने सोमवार की सुबह उइके के कुंडम स्थित निवास पर छापा डाला है। शुरूआती जांच में उइके द्वारा वैधानिक स्त्रोतों से अर्जित आय का 218 फीसद ज्यादा खर्च किया जाना और संपत्ति अर्जित करना पाया गया है।
बेहिसाब जमीनें और मालगुजार जैसे साधन जुटा लिए
शुरूआती जांच में टीम को पन्नालाल उइके के जमगांव में 4 हजार वर्ग फुट में बनी दो हवेलियां, इमलई में 3.55 हेक्टेयर, जमगांव में 1.67 हेक्टेयर, डोली में 5 एकड़ और जमगांव में ही 1.38 हेक्टेयर कृषि भूमि होने के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा उनके पास एक ट्रैक्टर, एक थ्रेसर और 5 मोटर साइकिलें भी पाई गई हैं।
काफी कम समय में कर ली मोटी कमाई
सहायक प्रबंधक पन्नालाल उइके को जानने वालों ने टीम को बताया है कि बहुत ही कम समय में पन्नालाल ने काफी कमाई की है। जो उनके रहन-सहन और ठाठ बाट से भी हाल ही के दिनों में झलकने लगी थी। टीम अब पन्नालाल के अन्य ठिकानों का भी पता लगा रही है जहां से उसकी बेनामी संपत्तियों के बारे में भी सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। डीएसपी ए वी सिंह ने बताया कि विभाग को मिली शिकायत पर हुई जांच के बाद न्यायालय से सर्च वारंट लेकर सहायक प्रबंधक के यहां सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। शुरूआती जांच में ही आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। आगे की जांच अभी जारी है।
ईओडब्ल्यू की लिस्ट में और कितने नाम?
सरकारी महकमों के ऊंचे पदों पर आसीन अधिकारियों में ईओडब्ल्यू की इन सिलसिलेवार कार्रवाईयों से खौफ बैठ गया है। हर भ्रष्टाचारी अधिकारी अपने-अपने सोर्स से विभाग की गतिविधियों पर ही रैकी कर रहा है, कि कहीं ईओडब्ल्यू की लिस्ट में उसका नाम तो नहीं है। सूत्रों की मानें तो कई भ्रष्टाचारियों ने तो चुपचाप अपनी संपत्ति के दस्तावेज और काली कमाई का बंदोबस्त भी करना शुरू कर दिया है ताकि यदि ईओडब्ल्यू की छापेमारी भी हो तो मौके पर कुछ खास न मिले। हालंाकि ईओडब्ल्यू भी भ्रष्टाचारियों की इस चालाकी को बखूबी समझता है और ऐसे अधिकारियों पर पूरी घात लगाकर शिकार करने के मूड में है।