Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन से जुड़े एक मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं। ऐसे में मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वरोजगार अधिनियम 1993 की धारा 122 के तहत याचिकाकर्ता के पास चुनाव याचिका दायर करने का प्रावधान है। आवेदक चाहे तो चुनाव याचिका में सभी मुद्दों को उठा सकता है।
मंडला के सागर गांव निवासी कृष्ण कुमार चौकसे की ओर से अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने जिला पंचायत मोहनिया के सदस्य का चुनाव लड़ा। उनके निकटतम प्रत्याशी ने भ्रष्ट आचरण करके मतदाताओं को अप्रभावित किया। याचिकाकर्ता ने 29 जून 2022 को निर्वाचन अधिकारी को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर पुनर्मतगणना की मांग की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
मामले में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि याचिका में ऐसे कई मुद्दे हैं, जो चुनाव याचिका में उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव का परिणाम घोषित हो चुका है, इसलिए अब याचिका पोषणीय नहीं है। इस पर कोर्ट ने चुनाव याचिका दायर करने की छूट देकर याचिका खारिज कर दी।