इंदौर. ज्यादा बिल, एवरेज बिल, बिल नहीं भरने पर बिजली कटने जैसी समस्याओं से परेशान बिजली उपभोक्ताओं (consumers) के लिए ये खबर राहत पहुंचाने वाली है। दरअसल पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी (West Zone Electricity Company) ने इंदौर सहित पूरे मालवा-निमाड़ नई व्यवस्था की तैयारी में है। आने वाले समय में जहां भी स्मार्ट मीटर (Smart meter) लगेंगे उसमें प्रीपेड (Pre-Paid) की व्यवस्था भी रहेगी। उपभोक्ता अपने बजट व उपयोग अनुसार बिजली की खपत कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें सिम रिचार्ज (sim recharge) की तरह प्रीपेड व्यवस्था को चुनना होगा। इसको लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
अनिवार्य है क्यूआर कोड से रीडिंग
लंबे समय से सभी बड़े गांवों में मीटराइजेशन के कार्य किए जा रहे हैं। यहां 32 करोड़ की 12 ग्रिड स्थापित की जाना है जिसमें से 3 ग्रिड तैयार हो गई है। इससे किसानों को भरपूर बिजली मिलेगी और वोल्टेज की समस्या भी नहीं रहेगी। इसी तरह कुछ समय पहले मालवा-निमाड़ के सभी 111 निकायों में क्यूआर कोड से मीटर रीडिंग अनिवार्य की गई है। करीब 19 लाख उपभोक्ता हैं जिनके यहां लगे मीटरों की रीडर अब क्यूआर कोड (QR Code) से होगी। इसमें समय की बचत तो होगी ही काम में भी तेजी आने के साथ पारदर्शिता रहेगी। खास बात यह कि है कि मात्र 8 सेकंड में मीटर रीडिंग (meter reading) होगी।
ये होगी नई व्यवस्था
अब जहां भी नए स्मार्ट मीटर लगाए जाना है, उसमें प्री पेड की व्यवस्था भी रहेगी। यानी उपभोक्ता के पास पोस्ट पेड व्यवस्था तो पूर्ववत है ही अगर वे प्रीप्रेड चाहते हैं तो यह विकल्प भी चुन सकते हैं। हाल ही में इंदौर आए प्रदेश के ऊर्जा सचिव संजय दुबे (Sanjay Dubey) ने इस संबंध में अधिकारियों को काम करने के लिए कहा है। कंपनी ने 200 रु. से लेकर 2 हजार रु. तक की प्रीप्रेड (Pre-Paid) व्यवस्था पर काम करना शुरू कर दिया है। यानी उपभोक्ता बिजली की खपत के अनुसार प्रीपेड व्यवस्था अपना सकते हैं। वैसे प्रीपेड की अधिकतम राशि 2 हजार से ज्यादा भी हो सकती है।
ऐसे होगा काम
कंपनी की आईटी टीम ने ‘इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन मैनेजमेंट एप’ (Electricity Connection Management App) बनाया है। इसमें सरकारी पेमेंट प्राप्त होने की सूचना कंपनी एवं संबंधित विभाग को तुरंत मिलेगी। अब 1 हजार की आबादी पर बिजली बिल कलेक्शन के लिए युवाओं को जोड़ा जा रहा है ताकि ग्रामीणों को बिल भरने के लिए अन्यत्र न जाना पड़े। 5 हजार की आबादी वालों में मीटराइजेशन के लिए स्पेशल प्लानिंग की जा रही है। ऊर्जा सचिव ने बताया कि शहरों एवं कस्बों में बिजली बिलों की वसूली संतोषजनक बताया लेकिन गांवों में स्थिति चिंताजनक है।