भोपाल. नए वित्तीय वर्ष में कई उपयोगी वस्तुओं के भाव बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में बिजली के भाव भी बढ़ने जा रहे हैं। एमपी में 8 अप्रैल से बिजली महंगी होने जा रही है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इसका सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव के मुताबिक बिजली की दरों में 2.64 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। विद्युत आयोग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 45 हजार 971 करोड़ रुपए की जरूरत है। मौजूदा विद्युत दरों से ये राशि नहीं पाई जा सकती है। तय राशि से राजस्व की राशि में 1 हजार 181 करोड़ रुपए का अंतर आ रहा है। इस अंतर को खत्म करने के लिए दरों में वृद्धि करनी पड़ रही है।
उपभोक्ताओं पर ज्यादा मार: मध्यप्रदेश विद्युत आयोग के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा मार पड़ेगी क्योंकि 8 पैसे से लेकर 12 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है। इसके अलावा फिक्स चार्ज 5 रुपए से लेकर 12 रुपए तक की बढ़ोतरी की जा रही है। नई दरों का सबसे ज्यादा भार मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।
यह बढ़ोतरी तीसरी बार: यदि बिजली की दरें बढ़ती हैं तो उपभोक्ताओं एक साल में यह तीसरा झटका होगा। इससे पूर्व 17 दिसंबर 2020 को कंपनी ने बिजली की दरों में 1.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दूसरी बार 30 जून 2021 को 0.69 प्रतिशत दर बढ़ाई गई थी। अब बिजली की दरों में दोबारा बढ़ोतरी की तैयारी है।
100 से ज्यादा आपत्तियां लगाई गई: दरअसल मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में दायर की गई याचिकाओं पर हाल ही में सुनवाई पूरी हुई है। इस सुनवाई के दौरान प्रदेशभर के तमाम सामाजिक और औद्योगिक संगठनों की ओर से 100 से ज्यादा आपत्तियां लगाई गई है, लेकिन अब तक इन आपत्तियों का समाधान नहीं किया गया है, अब विद्युत नियामक आयोग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है।