Amarkantak. अमरकंटक में महर्षि च्यवन (Maharishi Chyawan) की गुफा में किए गए अतिक्रमण (Encroachment) को हटा दिया गया है। महर्षि च्यवन ने ही शरीर को स्वस्थ रखने वाली औषधि की खोज की थी। महर्षि च्यवन के नाम पर ही औषधि का नाम च्यवनप्राश रखा गया। संभाग आयुक्त राजीव शर्मा के पदभार ग्रहण के बाद से ही संभाग के प्राचीन स्थलों, मंदिरों, धरोहरों और प्राकृतिक स्थलों को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
अतिक्रमणमुक्त हुई महर्षि च्यवन की गुफा
प्रशासन और राजस्व की टीम ने अमरकंटक की प्राचीन धरोहर महर्षि च्यवन की गुफा को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करा लिया। खुशी जाहिर करते हुए संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने अपने टि्वटर हैंडल से अनूपपुर कलेक्टर, एसपी, एसडीओपी, एसडीएम, सीएमओ, राजस्व और पुलिस अमले को शाबाशी दी है।
अमरकंटक में महर्षि च्यवन की प्राचीन गुफा आज अतिक्रमण से मुक्त हुई. शाबास Dm, SP अनूपपुर, SDM-SDOP पुष्पराजगढ़ , Cmo. राजस्व और पुलिस, नगर पालिका टीम pic.twitter.com/FOJPxIA2sO
— Rajeev sharma (@Rajeevs07588608) May 26, 2022
प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने के प्रयास
गौरतलब है कि अध्यात्मिक नगरी अमरकंटक जहां साक्षात महादेव बाबा अमरकंठ के रूप में विराजमान है और उनके ललाट से निकली मां नर्मदा कल-कल करती हुई पूरे क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं। इस पवित्र नगरी में कई दशकों से कुछ लोगों ने प्राचीन धरोहर और आस्था के केंद्र को कुछ लोगों ने अतिक्रमण करके उसके अध्यात्मिक और प्राचीन महत्व को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। शहडोल संभाग आयुक्त राजीव शर्मा की पोस्टिंग के बाद से प्राचीन धरोहर, आस्था के केंद्र, प्राकृतिक स्थलों के संरक्षण और उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।