Gwalior. मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर विधानसभा से विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर अपनी अजीबोगरीब कार्यप्रणाली के लिए चर्चा में रहते हैं। वे सफाई के लिए नाले में कूदते हैं तो कहीं खुद शौचालय साफ करते नजर आते हैं। वे जब भी ग्वालियर में आते है अलग ही ढंग के लिए चर्चित होते हैं। तीन दिन पहले वे स्टेशन पर खड़े सरकारी अमले और कारकेड को छोड़कर ई-रिक्शा में बैठकर ही घर निकल लिए। आज वे तड़के 4 बजे ही मोहल्लों में लोगों की जन समस्याएं जानने के लिए निकल गए। मंत्री तोमर ने लोगों के घरों के गेट खटखटाकर जगाया और फिर पानी की सप्लाई के बारे में पूछा।
#ग्वालियर में तड़के निरीक्षण करने पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर। लोगों से घर-घर जाकर पानी की सप्लाई के बारे में पूछा। शिकायत मिलने पर अफसरों को फटकारा। कामकाज के अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं मंत्री तोमर। @PradhumanGwl @GwaliorSp @JansamparkMP @BJP4MP #thesootr pic.twitter.com/mnosFofkhj
— TheSootr (@TheSootr) May 21, 2022
स्टेशन से सीधे लोगों के बीच पहुंचे मंत्री तोमर
ऊर्जा मंत्री तोमर आज तड़के ट्रेन से ग्वालियर पहुंचे। वहां उन्हें लेने पहुंचे स्टाफ से उतरते ही उन्होंने कहा कि वे लोगो की समस्याएं जानने निकलेंगे, यहीं से सीधे। जब वे उपनगर की गलियों में घूम रहे थे तब सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ था लेकिन मंत्री जी कहां मानने वाले थे ? उन्होंने किसी को डोरवेल बजाकर जगाया और कुछ को कुंडी खटकाकर। उन्होंने लोगो से पूछा-नलों में पानी आ रहा है ? लोगों ने जहां शिकायत की तो उन्होंने मौके पर ही बुलाकर अफसरों को फटकारा।
इन इलाकों में पहुंचे ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री बहोड़ापुर क्षेत्र के रामा जी का पुरा, टिल्लू बाबा की पहाड़ी, माता बाली खो, कड़े बाबा, गिर्राज मंदिर, काली माता का मंदिर, रामा जी की पुलिया में पैदल जाकर पेयजल व्यवस्था, सीवर व्यवस्था को लेकर निरीक्षण किया।
तोमर की अदा पर सिंधिया ने ली थी चुटकी
ऊर्जा मंत्री के तौर-तरीके सियासी गलियारों में भी चर्चा में रहते हैं। इससे जुड़ा एक वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हो गया था। ये परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत के बेटे के विवाह के रिसेप्शन का वीडियो था। इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं, देश-प्रदेश के मंत्री सहित अनेक लोग मौजूद थे जिसमें सिंधिया ने हंसते हुए कह रहे थे कि आज तो ठीक और साफ कपड़े पहनकर आए हैं प्रद्युम्न, नहीं तो ये तो कीचड़ लगे मैले कपड़े ही पहनकर चल देते हैं। कभी नालों में सफाई करते हैं, कभी कहीं और। हालांकि इसके बाद भी तोमर के अपने तरीके पर कोई अंतर नहीं आया।