MP में हिंदुओं का पलायन: गांव में अस्थाई पुलिस चौकी शुरू, 3 पर कार्रवाई, CCTV

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MP में हिंदुओं का पलायन: गांव में अस्थाई पुलिस चौकी शुरू, 3 पर कार्रवाई, CCTV

रतलाम. यहां के सुराणा गांव (Surana village) में हिंदुओं ने पलायन (exodus of hindus) की चेतावनी दी थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने गांव में कई जरूरी कदम उठाए हैं। 19 जनवरी की देर रात गांव में पुलिस चौकी (police chowki in surana) स्थापित कर दी गई। पुलिस चौकी पर ASI समेत 13 पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा गांव में निगरानी के लिए प्रमुख चौराहों और सड़कों पर सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे। वहीं आपराधिक तत्वों और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामलों में कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने 1 महीने की समय सीमा तय की है। 19 जनवरी की सुबह कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी समेत प्रशासनिक अमले के साथ गांव में पहुंचे थे। जिसके बाद यहां दोनों पक्षों से बात कर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया। 




गांव में पुलिस चौकी।

गांव में पुलिस चौकी।




3 के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई: गांव के 3 युवकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडने और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के मामले में तीन व्यक्तियों मयूर खान, शेरु उर्फ शेर अली और हेदर अली के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा पुलिस गांव के लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड तलाश रही है। जिनका रिकॉर्ड मिलेगा, उनके खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की जाएगी। 



पलायन की चेतावनी दी थी: सुराणा गांव से हिंदुओं का पलायन हो रहा है। हिंदू धर्म के सभी लोगों ने अपने घरों को बेचने का इश्तियार लिखा है। साथ ही उन्होंने दरवाजों पर लिखा है कि ये घर मुस्लिमों के खौफ की वजह से बिक रहा है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। 18 जनवरी को ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने एसडीएम अभिषेक गेहलोत को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जब इस पूरे मामले की शिकायत SP से की तो उन्होंने अभद्रता करके भगा दिया। वहीं, मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कार्रवाई की बात कही है।



पांच बिंदु तय हुए : 19 जनवरी की सुबह कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी सहित प्रशासनिक अमले के साथ गांव पहुंचे। जहां चौपाल लगाकर दोनों पक्षों से बात की। इस दौरान गांव के हिंदुओं का गुस्सा पुलिस प्रशासन पर दिखा। सभी ने पुलिस के रवैया सवाल उठाए। सुराना के हिंदुओं ने कहा था कि प्रशासन मुस्लिमों से बचाए वरना तीन दिन में गांव छोड़ देंगे। कलेक्टर ने सभी ग्रामीणों से बात करने के बाद कहा कि गुंडा कोई भी हो, कितना भी मजबूत दिखाता हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। गांव में शांति बनाए रखने के लिए पांच बिंदु तय किए गए।




  1. अस्थायी पुलिस चौकी बनेगी। 


  • तीन से ज्यादा केस वाले लोगों को जिलाबदर किया जाएगा। 

  • एक महीने के अंदर सभी अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। 

  • सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई होगी, संपत्ति जब्त करने से लेकर जिलाबदर तक की कार्रवाई होगी। 

  • गांव में एक कमेटी बनेगी। कमेटी में दोनों समुदाय से दो-दो लोग और ग्रामीण एसडीएम कृतिका भी शामिल रहेंगी।



  • आबादी कम इसलिए दबाया जाता है: गांव की कुल आबादी 2200 हैं, जिसमें 60 प्रतिशत मुस्लिम और 40 प्रतिशत हिंदू हैं। दोनों पक्ष पहले शांति से रहते थे। लेकिन पिछले दो साल से मुस्लिम पक्ष के लोग आए दिन गाली-गलौज और मारपीट करते हैं। उनकी संख्या ज्यादा है। लिहाजा उनकी ही चलती है। ग्रामीणों ने बताया कि तेजाजी मंदिर के सामने बाबा का ओटला बना हुआ है। वहां मुस्लिमों ने अतिक्रमण करके बाथरूम बना दिया और उस सरकारी जमीन पर मकान बनाकर कब्जा कर लिया। हमने आवेदन दिया है लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। हमारे गांव के लोग जब SP से मिलने पहुंचे तो उन्होंने अभद्र व्यवहार करते हुए कहा कि यहां से भागों और ज्यादा तेज चले तो रासुका लगा दूंगा। मकान तुड़वा दूंगा। हमारे साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए कलेक्टर को ज्ञापन देने आए हैं। तीन दिन में हम पलायन करेंगे। 



    दो बड़े मामले दर्ज हो चुके: सुराणा गांव रतलाम जिला मु्ख्यालय से करीब 13 किमी दूर बिलपांक थाना अंतर्गत स्थित है। इस गांव में इन दिनों बहुत तनाव है। बीते एक साल से दोनों पक्षों के बीच हो रहे विवादों की वजह से माहौल बिगड़ता चला गया। पिछले साल दो बार बड़े विवाद के मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद एसपी गौरव तिवारी ने शांति समिति की बैठक लेकर दोनों वर्गों के लोगों से चर्चा की थी। कई लोगों को बाउंडओवर भी किया गया था।



    नई पीढ़ी पर नियंत्रण नहीं: गांव के 80 वर्षीय नाथूलाल जाट ने बताया कि जाट समाज यहां मारवाड़ से आकर बसा था। अब चौथी पीढ़ी आ गई है। वर्तमान सड़क प्राइवेट जमीन पर बनाई गई है, पहले की सड़क नालेनुमा थी जिसमें बसें भी चलती थीं। नई सड़क बनने के बाद पुरानी सड़क पर कब्जे कर दुकानें बना दी गईं। गांव में पहले सब ठीक था, लेकिन मुस्लिम समुदाय की नई पीढ़ी पर नियंत्रण नहीं है।


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