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Jabalpur. जबलपुर और आसपास के जिलों के तय कोटे का करीब हजार टन यूरिया गायब होने के मामले में जबलपुर के लार्डगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। एफआईआर में कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर, राजेंद्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर, डीपीएमके फर्टीलाइजर्स लिमिटेड, द्वारका गुप्ता, रैक हेंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह के साथ-साथ अन्य के खिलाफ धारा 3, 7, ईसी एक्ट और 409, 120 बी, 34 का अपराध पंजीबद्ध किया है। साथ ही मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई है।
सीएम ने लगाई थी फटकार
जबलपुर से गायब हुए करीब हजार टन यूरिया के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज अपडेट ले रहे हैं। जिसके बाद से खाद के कालाबाजारियों की हवा टाइट हो गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के रोहित सिंह बघेल ने शिकायत प्रस्तुत की जिसमें मंडल कार्यालय के पत्र के अनुसार कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स कंपनी को शासन के निर्देशानुसार 70 प्रतिशत शासकीय और 30 प्रतिशत निजी विक्रेता को जिलेवार 1853 मीट्रिक टन यूरिया प्रदाय करना था। 27 अगस्त को कछपुरा रैक प्वाइंट पर कृभको श्याम कंपनी का रैक लगा और 28 अगस्त को कंपनी द्वारा दिए गए प्रोग्राम के अनुसार वितरण भी शुरू किया गया था।
गाड़ियां न मिलने का बनाया था बहाना
वितरण के दौरान कंपनी ने पर्याप्त गाड़ियां नहीं मिलने का बहाना बनाया और मंडला, डिंडोरी, दमोह और सिवनी जिलों में कम यूरिया भिजवा दिया। लेकिन जब 1 सितंबर को उपसंचालक कृषि द्वारा कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स को प्रोग्राम अनुसार कितना यूरिया पहुंचाया गया इस बात की जानकारी उपलब्ध कराने निर्देशित किया तो निरीक्षण में 1020 मीट्रिक टन यूरिया कम पाया गया।
मार्कफेड अधिकारियों पर भी मिलीभगत का शक
इस मामले में अब जांच दल मार्कफेड अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ गायब हुए यूरिया में से अभी तक बहुत थोड़ा यूरिया ही शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान बरामद हो पाया है। यूरिया आखिर कहां गया इसके जवाब के लिए पुलिस भी अब कृभको श्याम कंपनी पर शिकंजा कस चुकी है।