भोपाल. मध्य प्रदेश के किसान खाद (Fertilizers) ना मिलने से परेशान हैं। इसी के चलते अशोकनगर में एक किसान ने आत्महत्या (Suicide) कर ली। परिजन का दावा है कि किसान खाद ना मिलने और बारिश से फसल बर्बाद होने से परेशान था। काफी दिन से वह खाद के लिए चक्कर लगा रहा था। खाद ना मिलने पर वह घर आया और जहर खाकर खुदकुशी कर ली।मामला अशोकनगर के ईसागढ़ इलाके के बड़ी पिपरोल गांव का है। यहां के किसान धनपाल यादव के पास 12 बीघा जमीन थी। इसी से वह परिवार का भरण-पोषण करता था। खाद ना मिलने से परेशान था।
10-15 दिन से लगा रहा था चक्कर
मृतक के भतीजे जयपाल यादव ने बताया कि धनपाल ने कीटनाशक सल्फास खाकर जान दे दी है। सोयाबीन की फसल बारिश से पूरी खराब हो चुकी थी। खाद ना मिलने के चलते आगामी फसल की बुवाई नहीं हो पा रही थी। ऐसे में चाचा काफी परेशान थे और उन्होंने इसी वजह से जहर खा लिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, पर उनकी मौत पहले ही हो गई।
दिग्विजय ने भी साधा निशाना
ईसागढ़ ज़िला अशोकनगर मध्यप्रदेश में खाद नहीं मिलने पर किसान ने ज़हर खा कर आत्म हत्या की। मामू ने सारा खाद उन क्षेत्रों में भेज दिया जहां उप चुनाव हो रहे हैं। ३० को वोट डला और उन क्षेत्रों में खाद मिलना बंद। जिन्होंने खाद अपने गोदामों में जमा कर लिया कालाबाज़ारी करेंगे।#खाद_संकट pic.twitter.com/scI9ooEH2L
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 29, 2021
खाद पर फूट रहा किसानों का गुस्सा
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बीते महीने से खाद की जबर्दस्त किल्लत सामने आ रही है। खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों ने 25 अक्टूबर को अशोकनगर (Ashok Nagar) में जमकर हंगामा किया। यहां गुस्साए किसानों ने खाद वितरण केंद्र पर कृषि विभाग के एसएडीओ (SADO) मुकेश रघुवंशी के साथ हाथापाई कर डाली। वहीं, सागर (Sagar) जिले की बंडा विधानसभा से कांग्रेस विधायक तरवर सिंह लोधी (Tarvar Singh Lodhi) ने खाद समस्या के लिए शिवराज सरकार (Shivraj Govt) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने रोते हुए कहा कि सरकार हमारी विधानसभा क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रही है। हमारे हक की खाद उपचुनाव (By Election) वाले क्षेत्र में भेजा जा रहा है। इससे पहले खाद कालाबाजारी को लेकर ग्वालियर से गिरफ्तारी भी हुई थी।
प्रदेश में खाद की किल्लत
मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे रबी फसलों की बोवनी का काम तेज होता जा रहा है, वैसे-वैसे खाद की मांग भी बढ़ती जा रही है। चंबल संभाग के बाद अब बुंदेलखंड, महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में डीएपी की मांग बढ़ी है। मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से कई जिलों में विक्रय केंद्रों पर भीड़ उमड़ रही है। स्थिति यह हुई कि किसानों को खाद के लिए पर्चियां दी गईं। इधर, चुनावी सभाओं से फ्री होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री से मध्य प्रदेश को खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग की। खाद के संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वह एनपीके (NPK and Phosphate) और फास्फेट का उपयोग करें। इससे साफ संकेत हैं कि फिलहाल अभी डीएपी की किल्लत बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद की कमी की मानसिकता छोड़ें चिंता न करें, समय-समय पर आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश के लिए 32 अतिरिक्त रैक 30 अक्टूबर तक पहुंच जाएंगे। यह यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।