भोपाल. प्रदेश में जैसे-जैसे रबी फसलों की बोवनी का काम तेज होता जा रहा है वैसे-वैसे खाद की मांग भी बढ़ती जा रही है। चंबल संभाग के बाद अब बुंदेलखंड, महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में डीएपी की मांग बढ़ी है। मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से कई जिलों में विक्रय केंद्रों पर भीड़ लगने लगी है। स्थिति यह बन गई किसानों को खाद के लिए पर्चियां दी जा रही हैं। मध्यप्रदेश में डीएपी खाद (Fertilizer Crisis in MP की लगातार किल्लत जारी है। चुनावी सभाओं से फ्री होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री से मध्य प्रदेश को खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। खाद के संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वह एनपीके (NPK and Phosphate) और फास्फेट का उपयोग करें। इससे साफ संकेत हैं कि फिलहाल अभी डीएपी की किल्लत बनी रहेगी।
खाद की कमी से किसान परेशान
जिस तरह से प्रदेश में किसान खाद के संकट से जूझ रहे हैं, उसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद की कमी की मानसिकता छोड़ें चिंता न करें, समय-समय पर आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि प्रदेश को 32 अतिरिक्त रैक 30 अक्टूबर तक पहुंच जाएंगे। यह यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में नवम्बर में खाद की आपूर्ति के लिए भारत सरकार से चर्चा की है।
एक लाख 76 हेक्टेयर में हुई है बोवनी
प्रदेश में इस साल 138.89 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरुद्ध अब तक एक लाख 80 हजार के करीब हेक्टेयर के में बोवनी हुई है। पिछले साल इस अवधि में एक लाख 53 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई थी।
शिवराज ने की बैठक
पिछले साल अक्टूबर के अंत तक किसानों ने तीन लाख 48 हजार मीट्रिक टन यूरिया उठाया था। इस साल 03 लाख 18 हजार मीट्रिक टन उठा लिया गया है। बाकी शेष बची मात्रा भी इस माह के अंत तक 31 अक्टूबर तक उपलब्ध करा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर प्रदेश में खाद की समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हर दिन हो रही है समीक्षा
खाद संकट की स्थिति न बने, इसको लेकर कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारी प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं। जहां से भी खाद की कमी की सूचना मिल रही है, वहां के कलेक्टर, कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी से लेकर अन्य अधिकारी जानकारी लेकर दिशानिर्देश दे रहे हैं। साथ ही कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं वे खाद वितरण की आंतरिक व्यवस्था बनाएं। खाद की उपलब्धता को लेकर किसानों को पूर्व सूचना दें ताकि वे अनावश्यक रूप से दुकानों पर भीड़ न लगाएं।