भोपाल. राजधानी में सरकार (government) के मंत्रालय यानि वल्लभ भवन (vallabh bhawan) में करीब 15 दिन पहले 27 अक्टूबर की रात आग लगने से एक वीडियो क्रान्फ्रेंसिंग हॉल (video conferencing hall) जलकर खाक हो गया। इस हादसे में करीब एक करोड़ (one crore) रुपये मूल्य के कीमती उपकरण और फर्नीचर पूरी तरह से जल जाने का अनुमान है। हाई सिक्युरिटी वाले मंत्रालय में देर रात लगी इस आग (Fire) की घटना को गोपनीय रखा गया है। इसीलिए मंत्रालय में इतनी बड़ी आग के हादसे की खबर 15 दिन तक छुपी रही।
पूरा मामला क्या है, जानिए
मंत्रालय की सुरक्षा में लगे जवानों ने देर रात वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम से धुंआ निकलते देखा था। सुरक्षाकर्मियों ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना सबसे पहले दी थी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम का दरवाजा तोड़कर आग बुझाने का प्रयास किया। आग इतनी तेज थी कि उसे बुझाने में काफी देर लगी। इस दौरान वीडियो कान्फेंस के उपकरण कम्प्यूटर, कैमरा, टीवी, एसी और फर्नीचर आदि जलकर खाक हो गए थे। इस आगजनी की घटना में कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, ऐसा अनुमान है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यदि समय पर आग नहीं बुझाते, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
मंत्रालय के अधिकारियों ने स्वीकारी घटना
इस पूरे मामले में मंत्रालय के एनआईसी प्रभारी सुरेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। जांच के बाद पूरी स्थिति साफ होगी। आपको बता दें कि मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग में दो वीडियो कान्फ्रेंस के रूम हैं। पहला रूम ग्राउंड फलोर पर है। दूसरा प्रथम फ्लोर पर है। एसीएस और पीएस स्तर के अधिकारी विभाग की समीक्षा या अन्य विषय पर प्रदेश भर के मैदानी अधिकारियों से चर्चा करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। ग्राउंड फ्लोर पर बने वीडियो कान्फ्रेंस का इस्तेमाल मंत्रालय के कर्मचारियों को कम्प्यूटर और ई-फाइलिंग सिस्टम की ट्रेनिंग देने के लिए भी किया जाता है।
सरकार कब चेतेगी
08 नवंबर की रात कमला नेहरू अस्पताल में आग लग गई थी। इस घटना में अब तक 13 बच्चों की मौत हो गई है। लेकिन सरकार 5 बच्चों की मौत को ही स्वीकार रही है। ये हादसा नहीं था बल्कि लापरवाही थी। यदि सरकार और प्रशासन मंत्रालय की घटना से चेत जाता, तो यह घटना शायद नहीं होती। आपको बता दें कि दीपावली की रात को भोपाल शहर में 15 जगहों पर आगजनी हुई थी।