Jabalpur. मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने गरिमामय ढंग से अपना पहला दीक्षांत समारोह संपन्न कराया है। जबलपुर के मानस भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलाधिपति राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने शिरकत की। वहीं प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान भी इस मौके पर मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह के दौरान 75 छात्र-छात्राओं ने राज्यपाल द्वारा डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की। वहीं मेधावी छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने मैडल से भी नवाजा। दीक्षांत समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने चिकित्सा को व्यवसाय नहीं बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम बनाने की अपील की।
मानवता को शर्मसार करने वाले मामले दुर्भाग्यपूर्ण
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राज्यपाल पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह में बेटों से ज्यादा बेटियों ने डिग्रियां प्राप्त की है जिससे लगता है कि अब बेटी बचाओ अभियान के बाद बेटों के लिए भी अभियान चलाना पड़ेगा। राज्यपाल ने इस दौरान स्याह पक्ष को भी इंगित करते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि कोरोना काल में मानवता को शर्मसार कर देने वाले मामले भी सामने आए हैं। वहीं उन्होंने मानवता की मिसाल पेश करने वाले डॉक्टरों की भी पीठ थपथपाई। उन्होंने भावी चिकित्सकों से कहा कि जो प्रतिज्ञा वह आज ले रहे हैं वह एक दिन नहीं बल्कि 365 दिनों की है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में जाकर चिकित्सा पहुंचाने पर भी बल दिया। राज्यपाल ने खानपान पर भी नसीहत देते हुए उत्तम स्वास्थ्य के लिए पिज्जा बर्गर जैसे फास्टफूड छोड़कर भारतीय व्यंजनों का सेवन करने पर बल दिया।
हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई पर प्रदेश सरकार का जोर
दीक्षांत समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय आकर उन्हें काफी खुशी हुई क्योंकि विश्वविद्यालय का यह पहला कार्यक्रम है वह भी हिंदी में हुआ है। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होगी, जिसके बाद मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी। इसके अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने भावी डॉक्टरों को पीड़ित मानवता की सेवा का संदेश दिया उन्होंने कहा कि आप लोग डॉक्टर नहीं बन रहे हैं बल्कि पीड़ित मानवता की सेवा का संकल्प ले रहे हैं। मानव के रूप में जन्म लिया है तो हमें परोपकार करना चाहिए।
इन्हें मिला स्वर्ण पदक
प्रगति मेमगेन, निधि श्रीवास्त, अपराजिता उपाध्याय, रिचा पाठक, सहजल गोधा,डॉक्टर मनीष वर्मा,आवद निखिल भारत, सभा जावेद खान्र, इरफान जुरानी, इंद्राज अरोड़ा, सुरभि गर्ग, रूचि गुलाटी, रश्मि साहूकुमारी सपना, डॉक्टर बुसरा हुसैन, तृप्ति,पूजा बी नायर, तृप्ति शुक्ला, प्रज्ञा अंजना, नेहा , तोमर आयुषी राठौर, यदला पल्ली, धवल बख्शी,अंकिता ऐश्वर्या,राजीव जी, प्रंजाति ढेमोले, मनीष बघेल, गीत चढ़ा, साक्षी कुमारी,प्रिया कुमारी, नंदना हंसबाल, वंशिका वशिष्ठ, साक्षी मलिक, श्रेय मिगलानी, अनिल कुमार प्रजापति , श्वेता यादव, दीपक चंदोरिया,वर्चिस्वी मुदगल, विजय कुमार गुप्ता, सुरभि गोदो, पायल चौधरी,राम प्रताप चौहान,यूरिक आसिफ, ताजिम खान,हिमांशी राय, सुति गर्ग, अनिमिका इब्राहिम, कीर्ति वाला तावड़े, आरती जैन, विपुल वर्मा, सरिता साहू, लोकेंद्र सिंह राणा, रीतिका भाटिया, आदित्य श्रीवास, सुरेंद्र कुमार, आदिति वाडिया, मनोज गुर्जर, शालिनी सराठे, रागिनी तिवारी, प्रदीप कुमार रेडडी, कार्तिका देवी, राशि ङ्क्षहदकर, सिलौच सिंह, समीक्षा वंशोड़, समरूद्व बेगम टी, सौभाग्य खरे, शिवानी, अंजली सिंह,नेहा, प्रीति, शालिनी गुप्ता, खुशबू को स्वर्ण पदक दिया गया।