GWALIOR News. अग्निपथ मामले पर हुई हिंसा और तोड़फोड़ और आगजनी की घटना के बाद अब शांति है लेकिन अभी भी दहशत का माहौल है। रेलवे स्टेशन से लेकर सभी मुख्य मार्गों पर अभी भी कड़ा पहरा है। इस बीच दंगाइयों के खिलाफ कार्यवाही भी शुरू हो गई है। पुलिस इस मामले में अब तक पांच कर चुकी है और पचास लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनमें पांच फिजिकल ट्रेनर मनोज फौजी शामिल है । रक्षा मंत्रालय द्वारा द्वारा सेना में भर्ती को लेकर शुरू की गयी अग्निपथ योजना के खिलाफ बुधवार को ग्वालियर की सड़कों,कॉलोनियों और रेलवे स्टेशन पर हुए आगजनी,तोड़फोड़ और हिंसा के तांडव के बाद फिलहाल शांति है लेकिन दहशत बरकरार है। आक्रोशित आंदोलनकारियों ने कल लगभग तीन घंटे तक जबरदस्त उत्पात मचाया था।
पांच एफआईआर
घटना के बाद देर रात तक पुलिस अधिकारी मामले की एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों की शिनाख्त करने में जुटे रहे थे आखिरकार तीन थानों में पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गयीं। इस मामले में अभी तक 50 लोगों को नामजद किया जा चुका है जबकि ढाई सौ अज्ञात है। घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं जिनके आधार पर बाकी आरोपियों की पहचान का काम चल रहा है। जीआर पी और गोला का मंदिर थाना पुलिस ने थान सिंह शंखवार,मनीष शर्मा,भूरे सिंह,विश्वजीत भदौरिया,अमित चौहान,ऋतिक पांडे ,,रविंद्र राठौर ,अजय शर्मा,,रोहित पटेल,रिंकू त्यागी,हैरी यादव ,रवि तोमर,चौहान,और आदित्य सिकरवार पर और पड़ाव थाना पुलिस ने गजेंद्र,प्रवेश,धर्मवीर,विकास और पवन सहित ढाई सौ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गिरफ्तार लोगों में एक फिजीकल ट्रेनर मनोज फौजी शामिल है।
आंदोलनकारियों से होगी नुक्सान की भरपाई
जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहाकि उन्होंने किसी कोचिंग सेंटर को बंद करने के निर्देश नहीं दिए हैं। अधिकारियों ने कोचिंग सेंटर्स के संचालको की बैठक ली थी जिसमें उनसे कहा गया कि वे अफवाहें न फैलाये और न ही अफवाह फैलने दें। नुक्सान हुई सम्पत्ति की बसूली वह उन युवको से ही की जायेगी जिन्होंने सार्वजनिक सम्प्पति को नुक्सान पहुंचाया है। घटना के बाद से ही शहर के चप्पे -चप्पे पर पुलिस तैनात है। खासकर संवेदनशील इलाकों जैसे दोनों रेलवे स्टेशन,बस स्टेण्ड ,गोला का मंदिर ,पिंटो पार्क ,हजीरा ,उप नगर ग्वालियर के ज्यादातर इलाके ,तानसेन रोड पर बड़ी संख्या में तैयार पुलिस बल दंगा रोधी गाड़ियां तैनात है। कल इन्ही इलाकों में उपद्रवियों ने जमकर तांडव मचाया था। ग्वालियर में गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ हुई तोड़फोड़ और हिंसा मामले में प्रशासन ने सेना भर्ती के लिए तैयारी कराने वाले सेंटर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
फ़िज़िकल क्लब को लेनी होगी अनुमति
अब जिले में संचालित समस्त फिजिकल क्लब बिना सक्षम अनुमति के संचालित नहीं हो सकेंगे। ऐसे क्लबों को क्षेत्रीय एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने एक आदेश जारी कर क्लबों को अनुमति देना अनिवार्य किया है। कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि फिजिकल क्लबों के संचालन एवं ट्रेनिंग देने वाले छात्रों के कतिपय अवांछनीय/अराजक गतिविधियों में सम्मलित होने की सूचना प्राप्त हो रही थी। ऐसी स्थिति में सभी फिजिकल क्लबों को संबंधित एसडीएम से अनुमति लेने के साथ ही थाना प्रभारियों को सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए प्रतिबंधित किया है। समस्त क्लबों को तीन दिवस के अंदर विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही फिजिकल क्लब, ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले छात्रों की जानकारी संबंधित एसडीएम के साथ-साथ थाना प्रभारी को भी अनिवार्यत: प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि उक्त आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर धारा-188 के तहत दण्डनीय कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि इस स्कीम के खिलाफ गुरुवार को युवाओं की भीड़ ने बड़ा आंदोलन किया था । इसमें चक्काजाम, तोड़फोड़ और आगजनी के अलावा बिरला नगर रेलवे स्टेशन को भी नुकसान पहुंचाया गया था।