ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ ने जमकर तबाही मचा दी है। बाढ़ की वजह से कृषि क्षेत्रों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक 23 हजार से ज्यादा मकान टूटे हैं। करीब 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हमने फैसला लिया है कि जिनके घर गिर गए हैं, टूट गए हैं, लगभग एक लाख 20 हजार रुपए की लागत से वे फिर से बनवाएंगे। घर के अंदर रखे सामान अनाज, कपड़े, बर्तन-भाड़े का भी सर्वे कर राहत राशि दी जाएगी।जिन किसान भाइयों की फसलों का नुकसान हुआ है, उनका सर्वे कर राहत राशि दी जाएगी। सरकार का कहना है कि पशु की हानि पर भी राहत राशि देंगे। गाय, बैल, भैंस के 30 हजार, बकरा-बकरी के 3 हजार, मुर्गा-मुर्गी के 60 रु.। मजदूर का मकान बनवाएंगे।घर के नुकसान का पैसा देंगे। एकमुश्त 50 किलो अनाज अभी देंगे। जिनका कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन मिलेगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र
नगरीय क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया, हैंडपंप और पाइप लाइन को नुकसान पहुंचा है। राज्य शासन ने बाढ़ से हुए नुकसान के मूल्यांकन के लिए केंद्र सरकार से तुरंत अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम भेजने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही राजस्व विभाग कुल नुकसान का आंकलन करने के लिए मैदानी सर्वे कर आंकड़े भी जुटा रहा है। विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन विभाग) को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि केंद्रीय टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के मूल्यांकन से प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत जल्द-जल्द अतिरिक्त सहायता दी जाए।