CHHATARPUR. जिला कोर्ट (district court) ने एक मामले में सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। कारोबारी को परेशान करने के लिए जेसीबी (JCB) जब्त करने वाले वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur), उप वन मंडलाधिकारी राजकुमार (Deputy Divisional Forest Officer Rajkumar) और बीट गार्ड बृजेंद्र निरंजन के खिलाफ वन अधिनियम की धारा-62 के तहत मामला दर्ज किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. रविकांत सोलंकी की कोर्ट ने गजेंद्र कुमार चौरसिया, चंद्रशेखर चौरसिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है।
यह है पूरा मामला
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि 30 अगस्त 2021 को उसकी निजी भूमि पर खड़ी जेसीबी को जबरन जब्त कर लिया गया था। जब्ती बनाने वाले अमले ने याचिकाकर्ता को वजह बताने से भी इनकार कर दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने डीएफओ अनुराग ठाकुर से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता थाने भी गया था लेकिन पुलिस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया। लिहाजा उसने कोर्ट की शरण ली।
10 महीने चली सुनवाई और तमाम तथ्यों की पुष्टि के बाद कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता गजेंद्र और चंद्रेशखर चौरसिया को परेशान करने के लिए जेसीबी को जब्त किया गया। लिहाजा वन मंडलाधिकारी अनुराग ठाकुर, उप मंडलाधिकारी राजकुमार और बीट गार्ड बृजेंद्र निरंजन के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
धारा-62 के तहत सजा का प्रावधान
कोई वन अधिकारी या पुलिस अधिकारी तंग करने के लिए और अनावश्यक रूप से किसी चल, अचल सम्पत्ति का अभिग्रहण करता है तो उसे भारतीय वन अधिनियम की धारा 62 के तहत 6 महीने कारावास या 500 रुपए जुर्माने या दोनों की सजा हो सकती है।