धार. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले के बाजरीखेड़ा (Bajrikheda) ग्राम में 7 दिसंबर शावक मिले थे। दो तेंदुए के शावकों की 14 दिसंबर को वन विहार भोपाल (Van Vihar Bhopal) में मौत हो गई थी। अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए अब वन विभाग (Forest Department) शावकों (Cubs) की मौत के लिए उस किसान को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं। जिसके खेत में तेंदुए के शावक मिले थे।
गन्ने के खेत में मिले थे शावक
मध्यप्रदेश के धार जिले के बाजरीखेड़ा गांव का एक किसान किरण गिरी (Kiran Giri) खेत में खेल रहे तेंदुए के 2 शावकों को जंगली बिल्ली के बच्चे समझकर घर ले आया था। तीन दिन तक उनकी जमकर खातिरदारी की थी। दूध पिलाया, रोज नहलाता और ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े भी ओढ़ाए। जब खुलासा हुआ कि यह बच्चे बिल्ली के नहीं, शावक हैं, तो उनके होश उड़ गए थे। जिन्हें वो खेत से घर लेकर आया था, वे तेंदुए के शावक निकले। इसके बाद किसान खुद शावकों को निसरपुर चौकी लेकर पहुंचा था। जहां से वन विभाग को सूचना दी गई थी।
वन विभाग ने किसान को भेजा नोटिस
11 दिसंबर को वन विभाग ने दोनों शावकों को भोपाल पहुंचा दिया था जहां 13दिसंबर को नर और 14 दिसंबर को मादा शावक की मौत हो गई थी। शावकों की मौत के बाद अब घार वन विभाग ने किसान किरण गिरी गोस्वामी को नोटिस भेजकर शावकों की मौत का जवाब मांगा है। हालांकि किसान ने वन विभाग के नोटिस का लिखित जवाब दे दिया है।
निमोनिया से हुई थी मौत
दोनों शावकों का पोस्टमॉर्टम वन्यप्राणी चिकित्सक रजत कुलकर्णी और डॉ. अतुल गुप्ता ने किया। शार्ट पीएम रिपोर्ट में निमोनिया और इंफेक्शन सामने आया। इसके बाद दोनों का दाह संस्कार वन विहार में ही कर दिया गया।
DFO ने तेंदुए को बताया था बिल्ली
घार वन विभाग के DFO अक्षय राठौर का कहना है की शावकों की मौत की जांच की जा रही है। और जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आप को बता दे DFO अक्षय राठौर ने ही तेंदुए के शावकों को पहले जंगली बिल्ली बताया था।
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