ग्वालियर और चम्बल संभाग का प्रशासन गाँव - गाँव में होने वाले सामान्य विवादों को समाप्त करने के लिए अब कॉलेज के प्रोफेसर्स और छात्रों की मदद लेगा पहले चरण में संभाग के दो सौ कॉलेज को इस काम से जोड़ा जाएगा । यह लोग विवाद निपटाने में तो समझाइश देंगे ही साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उनका लाभ वे कैसे ले सकें इसकी प्रक्रिया भी बताएंगे।
समझौता से समाधान योजना है क्या
ग्वालियर-चंबल संभाग के महाविद्यालय “समझौता से समाधान” कार्यक्रम में अहम भूमिका निभायेंगे। महाविद्यालय अपने जिले के गाँवों को गोद लेकर न केवल विवाद रहित बनायेंगे, अपितु सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का सुगम माध्यम भी बनेंगे। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना की पहल पर दोनों संभागों में “समझौता से समाधान” कार्यक्रम संचालित है। उन्हीं की पहल पर दोनों संभागों के लगभग 200 महाविद्यालयों द्वारा संबंधित जिले के चुनिंदा गाँवों को गोद लिया जा रहा है। संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने गुरूवार को इसकी समीक्षा की। साथ ही इस पहल को कारगर बनाने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सभी जिला कलेक्टर्स को दिए निर्देश
संभाग आयुक्त सक्सेना ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि वे 30 अगस्त को अपरान्ह 3 बजे से 5 बजे तक महाविद्यालयों के प्राचार्यों व प्राध्यापकों की संयुक्त कार्यशाला आयोजित करें। इस कार्यशाला के जरिए उन्हें “समझौता से समाधान” कार्यक्रम के तहत गाँवों में अंजाम दी जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दें, जिससे वे गोद लिए गाँवों को हर मायने में आदर्श बना सकें। समझौता से समाधान कार्यक्रम के तहत गाँवों में सरकार के आठ विभागों की 25 योजनाओं को मूर्तरूप देने में महाविद्यालय अहम भूमिका निभायेंगे। साथ ही गाँवों को विवाद रहित बनाने का काम भी करेंगे। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि समझौता से समाधान कार्यक्रम के तहत ग्वालियर व चंबल संभाग में अब तक 124 गाँव विवाद रहित बनाए जा चुके हैं। महाविद्यालयों के सहयोग से 400 गाँवों को विवाद रहित बनाने का लक्ष्य है।