/sootr/media/post_banners/70f1aa1e12acc8b2f6402182358c97ac7f4597941031e1c9a6f111807540733f.jpeg)
Indore.सरकारी विभाग में छह करोड़ का फर्नीचर मैनेजर ने कागजों पर ही खरीद लिया। आरोप है कि पैसा जेब में रखते गए। यह सिलसिला कई साल चला। जब शिकायत हुई तो ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ) हरकत में आया। अब मैनेजर पर केस दर्ज हुआ है। मैनेजर निलंबित होने के बाद से कहां हैं पता नहीं। मामले में कुछ और लोगों के लिप्त होने की शंका है। जांच की जा रही है।
मामला आदिम जाति कल्याण विभाग (झाबुआ) का है। ईओडब्ल्यू ने विभाग के मैनेजर सुनील तलेले (Sunil Talele) पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि तलेले ने साल 2014-15 से लेकर 2019-20 तक पांच सालों में विभाग में 5 करोड़ 79 लाख 26 हजार 311 रुपए की फर्नीचर खरीदी बताकर फर्जी बिल लगाए और पैसा निकाल लिया। यह कृत्य लंबे समय तक चलता रहा। ईओडब्ल्यू को इसकी शिकायत मिली तो एसपी धनंजय शाह ( Dhananjay Shah) ने जांच के निर्देश दिए। निरीक्षक लीना बरोठे (Leena Barothe) को जांच सौंपी गई थी। जांच में पता चला कि जितने रुपए के बिल तलेले ने लगाए हैं उतने रुपए का सामान कभी खरीदा ही नहीं गया। कैश बुक और रजिस्टर में फर्जी बिल लगाए गए और इंट्री की गई। बैंक के नियमों को तोड़ते हुए राशि भी निकाल ली गई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद केस दर्ज किया गया।
घूसखोर अफसर को चार साल कैद
लोन और सबसिडी दिलाने के नाम पर दस हजार की घूस लेते धराए ग्रामोद्योग विभाग के सहायक संचालक (नीमच) सलामुद्दीन अंसारी (Salamuddin Ansari) को कोर्ट ने चार साल की कठोर कैद और दस हजार रुपए जुर्माना किया। मामले में इंदौर के राहुल पिता गणपत सोनी ने घूस मांगने की शिकायत की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत ऋण के लिए आवेदन किया था, जिसके एवज में सलामुद्दीन ने दस हजार रुपए की घूस मांगी थी। बाद में उसे रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। फैसला नीमच (Neemuch) कोर्ट ने सुनाया।