छतरपुर. यहां के एक बर्तन कारोबारी की 8 फर्मों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग की सतना टीम ने छापेमारी की। इस रेड में जीएसटी विभाग (GST Department raid in chhatarpur) ने रावत परिवार की 3 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी है। रावत परिवार (chhatarpur rawat family) कच्चे माल से बर्तन बनाने और बेचने का काम करता है। 40 सदस्यीय टीम की छापेमारी में पाया गया कि तैयार बर्तनों का 50 टन से ज्यादा का स्टॉक वेयरहाउस में छिपाकर रखा गया था। जिसमें से 24 टन का कोई हिसाब नहीं था। GST की एंटी एवेजन ब्यूरो ने 15 दिसंबर को ये छापेमारी की थी, जो 6 दिन तक जारी रही।
बगैर बिल के बर्तन बाजार में बेंचे
टीम ने जब कारखानों के स्टॉक और रजिस्ट्रर की पड़ताल की तो इसमें 91 टन कच्चा माल कम पाया गया। इसमें 24 टन माल इसी परिवार की गोदामों में मिला है। जबकि बाकी का माल कहा बेचा गया है, इसकी पड़ताल की जा रही है। इस जानकारी के आधार पर टीम को अंदेशा है कि बगैर बिल के तैयार माल बाजार में बेच दिया गया है। इससे भारी मात्रा में टैक्स चोरी (Tax evasion) की गई है।
बर्तनों पर 12 फीसदी GST
बर्तन बनाने और बेचने पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है। इस टैक्स को बचाने के लिए बना हुआ माल बगैर बिल के बाजार में बेचा गया है। ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि मां बघराजन फर्म के मालिक हरिशचंद्र रावत (Harishchandra Rawat) जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। बर्तनों का लेखा पुस्तकों में दर्ज नहीं है। न ही उसकी खरीदी से संबंधित दस्तावेज दिखाए गए।
रावत परिवार की ये गड़बड़ियां सामने आई
- बिना बिल के रॉ मटेरियल प्राप्त कर माल का निर्माण कर बिना टैक्स इनवॉइस के सप्लाई करना।
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