GWALIOR. ग्वालियर में भोपाल और इंदौर से ज्यादा गारबेज शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह भरोसा ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल को दिया। दरअसल ग्वालियर नगर निगम ने नए वित्तीय वर्ष में संसोधन करते हुए इंदौर और भोपाल के बराबर गारबेज शुल्क लेने की तैयारी में है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी मंत्री को बताया कि, नगर निगम पुराने वित्तीय वर्ष की दरों में सुधार करने को तैयार नहीं है। इस दौरान उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भी प्रतिनिधिमंडल की मांगों को सही बताया।
प्रभारी मंत्री ने निगम कमिश्नर को दिए निर्देश
चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल की बात सुनकर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने नगर निगम कमिश्नर किशोर कान्याल को निर्देश देते हुए कहा कि, इंदौर, भोपाल व जबलपुर से ज्यादा गारबेजज शुल्क ग्वालियर में नहीं होना चाहिए। पहले के वित्तीय वर्षों की दरों में सुधार भी होना चाहिए। अगर इसके लिए शासन स्तर पर अनुमति की जरुरत है तो, प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजें, शासन स्तर पर इस मामले का निराकरण किया जाएगा।
पानी के बिलों में भी मिले राहत
चैंबर के पदाधिकारियों एक औऱ मांग करते हुए प्रभारी मंत्री से कहा कि, जिस तरह बिजली के बिलों में सुविधा योजना लाई गई थी और उपभोक्ताओं का सरचार्ज माफ कर कर मूल राशि जमा कराई गई थी। उसी तरह से पानी के बिलों के मामले में भी ऐसा कदम उठाने की जरूरत है। शहर में कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके कनेक्शन ही नहीं है, या जिन्होंने वर्षों पहले कनेक्शन कटवा दिए हैं, लेकिन पीएचई ने अपने रिकार्ड में उस कनेक्शनों को नहीं काटा। इससे बिल की राशि हजारों रुपए में पहुंच गई है। इसके चलते बकाया राशि का 50 फीसदी माफी की योजना लाई जाना चाहिए।