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Bhopal.मध्यप्रदेश में मौसम बदलने के बाद रिमझिम बारिश (raining) और गरज-चमक (thunderstorm) के दौर के साथ मानसून (Monsoon) की एंट्री हो गई है। मध्यप्रदेश में बैतूल (betul) और खंडवा (khandwa) के रास्ते मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी है। इसके प्रभाव से भोपाल (bhopal) लगातार 2 दिनों से झमाझम बारिश (raining) देख ने को मिल रही है लेकिन इंदौर (indore) को अभी भी मानसून का इंतजार है। इंदौर में 18 जून को मानसून आना था लेकिन इंदौर को राहत की बारिश के लिए 21 जून तक का इंतजार करना पड़ेगा। अरब सागर (Arabian Sea) में मानसूनी गतिविधियां कमजोर होने और बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में गतिविधियां बढ़ने के कारण अब इंदौर की जगह भोपाल में पहले मानसून की पहले बारिश हो सकती है।
महाराष्ट्र बॉर्डर पर अटका मानसून
अरब सागर के सक्रिय होने और बंगाल की खाड़ी में उठे मानसून से समय से पहले जमकर बारिश की उम्मीद बढ़ गई थी, लेकिन पाकिस्तान (pakistan) से आ रही हवाओं के कारण अरब सागर का जोर कम पड़ने से यह मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) और महाराष्ट्र (maharashtra) बॉर्डर (border) पर आकर अटक गया। अभी भी यह बैतूल और खंडवा के आसपास अटका हुआ है। ऐसे में अब यह इंदौर में तय समय 21 जून के आसपास एंट्री कर सकता है। मध्यप्रदेश में 28 से 29 जून को मानसून की एंट्री होगी।
इंदौर को अभी और इंतजार
अरब सागर के कमजोर होने के कारण इंदौर से मानसून रूठ सा गया है। इंदौर में अब 20 जून तक बारिश के आसार नहीं बन रहे हैं। मालवा निमाड़ (Malwa Nimar) के अधिकांश इलाकों की यह स्थिति बनी हुई है। शुक्रवार रात तक जबलपुर (Jabalpur), खंडवा (khandwa), गुना(guna), शिवपुरी(shivpuri), शहडोल (shehdol), विदिशा (vidisha), रीवा(rewa), छतरपुर(chhatarpur), उमरिया(umariya), कटनी(katni), सिंगरौली(singrolli), अशोकनगर (ashoknagar), दमोह (damoh), नौगांव(nawgaon), सागर(sagar), सतना(satna), छिंदवाड़ा(chhindwada), राजगढ़(rajgadh) और नर्मदापुरम (narmadapuram) जिले में भी बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा खंडवा में तो करीब 2 इंच बारिश हुई।
1 से 3 डिग्री तक लुढ़का अधिकतम पारा
मानसून की एंट्री के बाद प्रदेश का अधिकतम तापमान (tempreture) लुढ़ककर 38 पर आ गया है। सिर्फ नरसिंहपुर(narsinghpur) में सबसे ज्यादा 40 डिग्री रहा। इसके अलावा प्रदेश भर में यह 38 के नीचे आ गया। पचमढ़ी(pachmadi) में तो सबसे कम 29 डिग्री तक आ गया। दिन और रात के तापमान सिर्फ 9 डिग्री का अंतर रह गया।