रतलाम में Rx की जगह पर श्रीहरि लिखने लगे सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर, पिपलोदा में हिंदी में लिखा मरीज का पर्चा

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Vivek Sharma
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रतलाम में Rx की जगह पर श्रीहरि लिखने लगे सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर, पिपलोदा में हिंदी में लिखा मरीज का पर्चा

आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम में डॉक्टर द्वारा मरीज के प्रिस्क्रिप्शन पर्चे को अभी तक आपने इंग्लिश में ही लिखा हुआ देखा होगा लेकिन अब डॉक्टर इस पर्चे को हिंदी में लिखने लगे। एमबीबीएस का पाठ्यक्रम हिंदी में शुरू करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया है। एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिकित्सकों से भी हिंदी में उपचार लिखने और आरएक्स के स्थान पर श्री हरि, लिखने को कहा था मुख्यमंत्री की अपील का असर चिकित्सको में भी देखने को मिल रहा है। रतलाम जिले के पिपलौदा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ पवन पाटीदार ने दो दिन से मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार पर्चे में दवाइयां भी हिंदी में लिख रहे हैं। उन्होंने करीब 30 से अधिक मरीजों को देखा और उनके पर्चे हिंदी में लिखे।



मरीज ने जताई खुशी



हिंदी में लिखे पर्चे अजीब तो लग रहे हैं लेकिन ग्रामीणों के लिए यह एक बड़ी सुविधा वाला काम हो गया। अब ग्रामीण अब आसानी से समझ सकेंगे कि डॉक्टर ने क्या लिखा है उन्हें कौन सी बीमारी है और क्या मेडिसिन दी गयी है। पिपलोदा हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए मरीज ने बताया कि बीपी की बीमारी है दो-तीन साल से इलाज चल रहा है। डॉक्टर लोग जो हिंदी में परिचय लिखने लगे हैं। वह बहुत अच्छा है पहले इंग्लिश में लिखने पर केवल डॉक्टर और मेडिकल वाला ही समझ पाता था अब हम हिंदी में होने के कारण हम भी समझ लेते हैं और गोली दवाई भी बराबर लेते हैं। अभी मेरे परिचय में बीपी 15085 लिखा है और टेबलेट ओके नाम भी लिखे हैं जो मैं आसानी से पढ़ सकता हूं अब हम जान सकते हैं और समझ सकते हैं कि क्या लिखा है यह सुविधा बहुत अच्छी है यह सुविधा निरंतर बनी रहना चाहिए।



बहुत ही अच्छा कदम



वहीं डॉक्टर पवन पाटीदार ने कहा कि 20-30 वर्ष पहले एक डॉक्टर एमजीएम कॉलेज इंदौर में थे उनकी प्रेरणा थी कि हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई हो उन्होंने बहुत सारे प्रयास भी किए। अब प्रदेश सरकार को इसकी भनक लगी और इसकी शुरुआत की फिर भी बहुत समय लग गया इनको मेडिकल टर्मिनोलॉजी को हिंदी में लिखना हमारे मेडिकल कॉलेज और सभी प्रोफेसरों से बहुत कुछ करवाया। अब यह पूरी तरह से लागू हो गया है। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना है।  कल से हमने भी शुरुआत की। कल के दिन तो शुरुआत में बड़ा टफ लग रहा था दस बीस प्रिस्क्रिप्शन तो कल भी लिखे थे हमने और आज सुबह आते ही हमने हिंदी में ही प्रिस्क्रिप्शन पर्चा लिखा। हिंदी में  पर्चा देखकर मरीजों को तो हंसी आ रही है पहले तो वह कहते हैं चलो हमारे लायक कुछ लिखा हुआ है वही सोच कर दवाई आदि के बारे में हम से पूछ लेते हैं तो फिर वह हम उनको थोड़ा समझाते भी हैं यह दवाई वही काम करेगी । 



सभी को साथ देना चाहिए



इस मामले में ग्रामीणों ने इतनी पूछताछ तो नहीं की क्योंकि इस मामले में उन्होंने न्यूज़ तो देखी थी तो उनका भी यही था कि डॉक्टर लिखेंगे तो हमारे को भी समझ में आ जाएगा ऐसी दवाई लिखेंगे मैंने अभी तक 2 दिन में 30 पर्चे से अधिक लिखे हैं हिंदी में मेडिकल टर्मिनोलॉजी को हिंदी में करने बहुत बेनिफिट है।  गांव के बच्चे जो सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं और उनके पास संसाधन नहीं रहते हैं उसके बावजूद वह आगे जाकर नीट की तैयारी हिंदी में कर सकते हैं लेकिन जैसे ही कॉलेज में गए यूजी करने के लिए एमबीबीएस करने के लिए तो डायरेक्ट तो वहां उनको इंग्लिश मीडियम में इंग्लिश की सभी बुकें मिलती थी तो बड़ा टफ लगता है मैं भी जब कॉलेज गया था तो मुझे बड़ा टफ लग रहा था अब यह चीजें लागू है तो उसका साथ हमें देना चाहिए। 


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