हरीश दिवेकर । भोपाल. शिवराज सरकार अब ऑनलाइन गेम को अपराध की श्रेणी में शामिल करने जा रही है। इसके लिए जुआ सट्टा कानून में बदलाव किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने 154 साल पुराने 'सार्वजनिक द्यूत क्रीड़ा अधिनियम 1867' कानून खत्म करके नया कानून बनाने का प्रस्ताव गृह विभाग (Home department) को भेजा है। इसके तहत कड़े दंड का प्रावधान किया जा रहा है।
सजा और जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव
प्रस्तावित कानून में सट्टेबाजी से जुड़े उन सभी ऑनलाइन गेम (online gaming new law) जिसमें पैसों का जोखिम होता है, उन पर प्रतिबंध लग जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय (police department new law Proposal) से भेजे गए प्रस्ताव में सार्वजनिक जुआ घर चलाने पर एक साल की सजा और 500 रुपए के जुर्माने को बढ़ाकर तीन साल की सजा और जुर्माना बढ़ाने की बात कही गई है। वहीं, सार्वजनिक स्थल पर जुआ खेलते हुए पकड़े जाने पर तीन महीने की सजा और 100 रुपए जुर्माने को बढ़ाकर एक साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना किया जाना प्रस्तावित किया है।
गेमिंग कंपनियां विरोध की योजना बना रही
आपको बता दें कि हाल ही में कर्नाटक सरकार (Karnataka Govt) ने भी कानून बनाकर MPL (मोबाइल प्रीमियर लीग) जैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप (online gaming app) को बैन किया है। सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक के कानून के खिलाफ भारत की गेमिंग कंपनियां कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रही हैं। आपको बता दें, गेमिंग ऐप फेंटेसी क्रिकेट और फुटबॉल गेम ऑफर करती हैं, जिसमें आप असल-पैसे भी कमा सकते हैं।
केंद्र सरकार खत्म कर रही पुराना कानून
अंग्रेजी हुकूमत के सार्वजनिक द्यूत क्रीड़ा अधिनियम 1867 (public gambling act 1867) कानून बनाया गया था। 154 साल पुराने इस कानून में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। लेकिन इसके बाजवूद यह अधिनियम ऑनलाइन जुआ गतिविधियों को रोकने में सक्षम नहीं है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार अब इस कानून को समाप्त करने जा रही है। केन्द्र ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने स्तर पर अलग कानून बनाएं।
जुआ सट्टा एक्ट की धारा 13
भारत में जुएं (Gambling Laws) को मुख्य रूप से सार्वजनिक गेमिंग अधिनियम द्वारा रेगुलेट किया जाता है। इसे 1867 में लागू किया गया था। सरकार ने शुरू में इस कानून को पूरे देश में लागू किया था, लेकिन तब से कई राज्यों ने अपने राज्य के लिए अलग जुआ कानून (gambling law) लागू किए है। उनमें से कई गेमिंग अधिनियम का उपयोग अपने नियमों या प्रतिबंधों के आधार के रूप में करते हैं। जुआ अधिनियम में विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए अलग कानून है। उदाहरण के लिए, कौशल पर आधारित बहुत सारे खेल कानूनी हैं। इसमें पोकर और घुड़दौड़ शामिल हैं। यहां तक कि लॉटरी की भी अपनी रूपरेखा है, जहां से इसे कानूनी रूप से भारतीय खिलाड़ियों को पेश किया जाता है।
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