GUNA. प्रदेश के जंगल महकमे के अफसरों द्वारा पौधरोपण के नाम पर शासन के निर्देश ना होने पर भी करोड़ों रुपए जबरिया खर्च करने का घोटाला प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा 2006 में स्थापित क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (केम्पा) मद से मध्य प्रदेश का वन विभाग हर साल पौधरोपण पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसी केम्पा मद से मध्य प्रदेश शासन ने 2020-21 में 38 परियोजनाओं का एक प्रोजेक्ट गुना जिले के लिए स्वीकृत किया। 10 वर्षीय इस प्रोजेक्ट में जमीन की तैयारी के लिए पहले साल (2020-21) में गुना जिले को 13 करोड़ 81 लाख रुपए मिले।
पत्थर की दीवार और खंती खोदकर खर्च किए करोड़ों रुपए
आरोप है कि गुना जिले के तत्कालीन डीएफओ डीके पालीवाल (वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक, शिवपुरी सर्किल) ने 38 में से 37 परियोजनाओं में काम शुरू कराया। जबरिया खर्च की बात करें तो पता चलता है कि पौधरोपण में रोपे गए पौधों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा बाधा बनना थी, लेकिन डीएफओ डीके पालीवाल ने 37 में से 14 पौधरोपण परियोजनाओं में शासन के निर्देशों के बगैर सुरक्षा बाधा के नाम पर पत्थर की दीवार (कच्ची) बनाने के साथ खंती (कच्ची) खोदकर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए।
2021-22 में गुना वनमंडल में 30 परियोजनाएं केम्पा में स्वीकृत हुईं, लेकिन इस बार एक ही सुरक्षा बाधा बनाई गई। जाहिर है 2020-21 में 14 परियोजनाओं में एक अतिरिक्त सुरक्षा बाधा बनाकर ज्यादा खर्च किया गया।
अफसर ने ऐसे किया फर्जीवाड़ा
डीएफओ डीके पालीवाल ने केम्पा मद की पौधरोपण परियोजनाओं में 8 रुपए प्रति गड्ढे की दर से ट्रैक्टर से खुदाई कराई, जबकि मजदूरों के नाम पर 18 रुपए प्रति गड्ढे का फर्जी वाउचर से भुगतान कराया। इसी तरह खंती सीपीटी की खुदाई 60 रुपए प्रति मीटर से जेसीबी से कराई, लेकिन मजदूरों के फर्जी वाउचरों पर 198 रुपए प्रतिमीटर से भुगतान कराया। खुदी हुई खंती और पौधरोपण के लिए किए गए गड्ढे तत्कालीन डीएफओ पालीवाल के काम को प्रमाणित कर रहे हैं।
प्रमुख के निर्देशों को ठेंगा...
मध्य प्रदेश के वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) और वन बल प्रमुख ने (पत्र क्रमांक- 3326, 31/08/2020) किसी भी प्रकार की मशीन का उपयोग प्रतिबंधित करते हुए सख्त निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया कि बारिश के मौसम में वन क्षेत्र में पौधरोपण एवं फेंसिंग कामों के लिए गड्ढा खुदाई ना की जाए। इसके उलट गुना वन मंडल के तत्कालीन डीएफओ डीके पालीवाल ने निर्देशों की कतई परवाह नहीं की और पौधरोपण की भूमि तैयारी का सारा काम बारिश के मौसम में मशीनों से ही कराया।
भुगतान के लिए दो वाउचर लगाए
वन विभाग के शिवपुरी सर्किल (जिसमें गुना, शिवपुरी, अशोकनगर वन मंडल है) के मुख्य वन संरक्षक (CCF) पालीवाल ने अपने कार्यकाल में फतेहगढ़ वन परिक्षेत्र के केम्पा के पन्हेटी पौधरोपण में खंती खुदाई में करीब 8 लाख रुपए का भुगतान 2 बार कराने का प्रयास कराते हुए डबल वाउचर तैयार कराए, लेकिन ट्रेजरी की सतर्कता से भुगतान एक ही बार हो पाया। डबल वाउचर की जालसाजी रेंजर, एसडीओ, डीएफओ कार्यालय की जावक पंजी में दर्ज है, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जानकारी अनुसार, 10 मई 2022 के एक शिकायती पत्र की जांच के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) मप्र ने 23 मई को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक केम्पा को चिट्ठी लिखी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक केम्पा ने पत्र क्रमांक 1107 (दिनांक 23 मई) डीएफओ गुना और सीसीएफ शिवपुरी से जांच प्रतिवेदन मांगा।
लीपापोती की कोशिश
पत्र व्यवहार में जांच की इस नौटंकी के बीच (केम्पा) सुनील अग्रवाल पौधरोपण देखने गुना आए, मक्सूदनगढ़ के सड़क किनारे का एक पौधरोपण देखा, थोड़ा नाराज हुए और कुछ काम कराने का निर्देश दे गए, ताकि पौधरोपण की बदहाली कुछ संभाली जा सके। अग्रवाल की रवानगी के बाद बीनागंज, राघौगढ़ के केम्पा पौधरोपण में जून 2022 में कुछ काम भी संबंधित रेंजरों ने करा लिया। अग्रवाल ने जुलाई के पहले हफ्ते में भोपाल से एक एसडीओ धरावला (बमोरी) भेजकर केम्पा पौधरोपण की असलियत देखने के प्रयास किए, लेकिन एसडीओ को पालीवाल ही धरावला लेकर पहुंचे।