ग्वालियर-चम्बल अंचल कुछ दिन हो सकते हैं मुश्किल भरे ,जाने आखिर क्यों भयभीत है प्रशासन

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Dev Shrimali
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ग्वालियर-चम्बल अंचल कुछ दिन हो सकते हैं मुश्किल भरे ,जाने आखिर क्यों भयभीत है प्रशासन

GWALIOR.लगातार हो रही बरसात ने अब प्रशासन को चिंतित कर दिया है। ग्वालियर -चम्बल अंचल में स्थित बरसात के पानी के चलते सभी नदी और नाले लबालब हो चुके हैं और बांधों में इतना पानी जमा हो चुका है कि अब उसे छोड़ने की जरूरत है और इसे खासतौर पर खेती की तबाही हो सकती। तिघरा बाँध के गेट दो दिन में दो बार खुल चुके है जबकि हालात बिगड़ने पर अपर कैकेटो का पानी जड़वाजी में हरसी बाँध में शिफ्ट करना पड़ा। 



सभी नदी -नाले लबालब 



पिछले चार  दिन से हो रही बारिश से पूरे ग्वालियर-चम्बल अंचल के नदी-नाले उफान पर हैं। यहां अक्टूबर में अगस्त-सितंबर यानी मानसून जैसे हालात हैं। शिवपुरी में बारिश के कारण मड़ीखेड़ा बांध लबालब है। बांध का पानी अमोला पुल तक भरा हुआ है। पानी से पुल के सारे पिलर डूब गए हैं। 1.344 किमी लंबा अमोला पुल जिले का सबसे बड़ा पुल है। ग्वालियर में तिघरा बांध भी लबालब है।



अपर ककैटो, ककैटो से छोड़ा गया पानी



जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पानी ओवरफ्लो हो जाने के कारण अपर ककैटो बाँध के बीती रात छह गेट  खोलना पड़े। इसके जरिये नौ हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसी तरह ककैटो बाँध भी ओवरफ्लो होने लगा था जिसे नियंत्रण में लाने के लिए उसका पानी हरसी नहर में शिफ्ट करना पड़ा। 



तिघरा में पानी की शिफ्टिंग बंद 



समस्या ये आ रही है क्योंकि तिघरा बाँध पहले से ही लबालब हो गया है जबकि ककेटो और हरसी का अतिरिक्त पानी तिघरा में ही लाया जाता था लेकिन अब उसमें पानी छोड़ने पर रोक लगानी पडी है इसलिए इन दोनों के पानी का उठान प्रशासन को चिंतित किये हुए है। पिछले डेढ़ माह से पानी तिघरा में ही शिफ्ट किया जा रहा है। सिचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश चतुर्वेदी का कहना है कि अब अंचल में मनीखेड़ा ,ककैटो,अपर ककैटो ,पेहसारी और तिघरा सभी बांधों के लबालब हो जाने के कारण सभी सतत निगरानी की जा रही है।  इसके लिए अतिरिक्त टीमें लगाईं गयीं है जो चौबीसो निगरानी कर रहीं है। 



गाँव - गाँव की जा रही है मुनादी 



तिघरा में दो बार गेट खोलकर पानी बहाया जा चुका है और अभी उसमें ऊपर से पानी आने का सिलसिला अन्तमा है लिहाजा तिघरा थाना पुलिस आसपास के सभी गांव में ग्रामीणों को  सतर्क रहने के लिए लगातार मुनादी कर रही है।  



अभी चलेगा बरसात  सिलसिला 



मानसून की विदाई के सीजन में अंचल में भीषण बरसात हो रही है। अभी यह सिलसिला थमने वाला नहीं है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश का कहना है कि दो टर्फ लाइन गुजर रहीं हैं। एक तो गुजरात से महाराष्ट्र के बीच और दूसरी गुजरात से ग्वालियर -चम्बल के बीच। इससे अंचल में अभी 12 अक्टूबर तक पानी रुकने की संभावना नहीं है। कहीं हल्का तो कहीं तेज पानी पड़ेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 1 हफ्ते तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। राजस्थान में बने सिस्टम से द्रोणिका अरब सागर जा रही है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मध्यप्रदेश को लगातार नमी मिल रही है। इससे ग्वालियर-चंबल में स्ट्रॉन्ग सिस्टम बन रहा है। यहां अच्छी बारिश होने की यही वजह है।1 हफ्ते तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। राजस्थान में बने सिस्टम से द्रोणिका अरब सागर जा रही है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मध्यप्रदेश को लगातार नमी मिल रही है। इससे ग्वालियर-चंबल में स्ट्रॉन्ग सिस्टम बन रहा है। यहां अच्छी बारिश होने की यही वजह है।




तिघरा बांध बरसात से सभी बाँध हुए फुल भारी बारिश से बढ़ी मुसीबत ग्वालियर -चम्बल में भारी बरसात all dams full due to rain Tighara dam increased trouble due to heavy rain heavy rain in Gwalior-Chambal
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