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Damoh. दमोह जिले के पथरिया थाने के जेरठ गांव में रविवार की शाम सोयाबीन की थ्रेसिंग कर रहे एक मजदूर के दोनों हाथ थ्रेसर की चपेट में आ गए। जिसमे एक हाथ धड़ से अलग हो गया और दूसरे हाथ में चोट हाथ है । परिवार के लोग घायल को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल से जबलपुर रैफर कर दिया।
ध्यान भटकने से हुआ हादसा
घायल वीरू अहिरवाल के भाई धर्मेंद्र ने बताया कि वह शाम को खेत में सोयाबीन की थ्रेसिंग कर रहे थे । इसी समय वीरू का ध्यान भटक गया और थ्रेसर के बीच उसके दोनो हाथ चले गए। लोगों ने उसे पकड़कर खींचने का प्रयास किया । लेकिन उसका एक हाथ थ्रेसर के एक सॉफ्ट में फंसकर अलग हो गया । दूसरा हाथ भी घायल है, लेकिन वह अलग नहीं हुआ । जिला अस्पताल के डॉक्टर जावेद खान ने बताया कि मजदूर का हाथ पूरी तरह कट चुका है । उसे काफी देर भी हो चुकी है इसलिए अब हाथ नहीं जोड़ सकते । प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया है।
हर साल होते हैं ऐसे हादसे
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में फसल की गहाई के वक्त उपयोग में आने वाले थ्रेसर और हड़प्पा जैसे कृषियंत्रों में काम करते वक्त ऐसे हादसे अक्सर होते रहते हैं। आज भी थ्रेसर और हड़प्पा का उपयोग बड़े किसान करते हैं जबकि एक दो एकड़ भूमि वाले किसान गहाई के लिए परंपरागत तरीके अपनाते हैं। थ्रेसर और हड़प्पा में गहाई का काम करने वाले मजदूरों को काफी कम मजूरी मिल पाती है रबी के सीजन में तो गहाई का काम करने वाले मजदूरों को कई क्विंटल अनाज की गहाई करने पर भी मात्र पेट भरने लायक अनाज दे दिया जाता है। अक्सर देखा गया है कि इस हाड़तोड़ परिश्रम के दौरान जरा सी लापरवाही में इन मजदूरों की या तो जान जाती है या फिर ये हादसे का शिकार होने के बाद अपाहिज की जिंदगी जीने मजबूर हो जाते हैं।